सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: माँ तुझे प्रणाम योजना के अंतर्गत आगर-मालवा, अनूपपुर, बड़वानी और अलीराजपुर जिले के 73 युवाओं और 08 सपोर्ट स्टॉफल सहित कुल 81 सदस्यीय दल को जेसलमेर (राजस्थान) अंतर्राष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मान. मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग का स्वागत संचालक, खेल श्री रविकुमार गुप्ता ने पुष्पगुच्छ देकर किया। रविकुमार गुप्ता ने मान. मंत्री को जेसलमेर जा रहे दल के संबंध में अवगत कराया।

Maa Tujhe Pranam Yojana: 81-member team leaves for Jaisalmer"
खेल मंत्री ने अपने ओज पूर्ण उद्बोधन में आगर-मालवा, अनूपपुर, बड़वानी और अलीराजपुर जिले के युवाओं को संबोधित करते हुये माँ तुझे प्रणाम योजना के महत्व को बताया, उन्होंने बताया विभाग ने यह योजना युवाओं देश प्रेम की भावना जागृत करने के लिए प्रारंभ की है। उन्होंने युवाओं का आवहन करते हुये कहा कि – भारत ने अनेकों बलिदानों के बाद यह अजादी पाई है। उन्होंने देश के बलिदानियों का उदाहरण देते हुये बताया कि शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुये देश को आजादी दिलायी है। हमें देश के लिए जीना सीखना है, जरूरत पड़ने पर सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहना है। उन्होने युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद और आधुनिक युग के युवाअें के प्रेरणा स्रोत मान. प्रधानमंत्री का भी युवाओं को उदाहरण दिया और युवाओं को प्रोत्साहित किया और अनुभव यात्रा के लिए शुभकामनाऐं दी।
दल प्रभारी को सौंपा राष्ट्रीय ध्वज कार्यक्रम में खेल मंत्री ने दल प्रभारी श्री रूप सिंह कलेश को राष्ट्रीय ध्वज प्रदान किया। राष्ट्रीय ध्वज जेसलमेर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सेना के अधिकारियों को सौंपा जायेगा।
जेसलमेर रवाना हुये दल में आगर-मालवा, अनूपपुर, बड़वानी और देवास जिले की 73 युवा और 08 सपोर्ट स्टॉफ सहित कुल 81 सदस्य शामिल थे। दल भोपाल -जोधपुर एक्सप्रेस से जेसलमेर के लिए रवाना हुआ।

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इस अवसर पर खेल मंत्री के साथ डॉ. रविकुमार, संयुक्त संचालक, खेल श्री बी.एस. यादव, सहित विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
‘‘मां तुझे प्रणाम’’ योजना का विस्तृत विवरण
मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के युवाओं में देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति जागृति लाने, राष्ट्र के प्रति समर्पण, साहस की भावना जाग्रत करने एवं युवाओं को सेना तथा अर्द्ध सैनिक बलों के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘‘मां तुझे प्रणाम’’ योजना वर्ष 2013 में प्रारंभ की गई थी। 16 जनवरी 2013 को ‘‘युवा पंचायत’’ में की माननीय मुख्यमंत्री, म.प्र.शासन द्वारा की गई घोषणा के पालन में म.प्र. शासन, खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा ‘‘मां तुझे प्रणाम’’ योजना प्रारंभ की गई।
योजनान्तर्गत प्रदेश के 15 से 25 वर्ष की आयु के 10 प्रतिभाशाली युवाओं (05 युवक एवं 05 युवतियाँ) जिसमें 01 एन.सी.सी., 01 एन.एस.एस., 01 खिलाड़ी, 01 मेधावी छात्र, 01 स्काउट क्षेत्र एवं इसी मान से युवतियों का चयन प्रत्येक जिले के प्रत्येक विकासखण्ड से जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से किया जाता हैं।
अनुभव यात्रा हेतु आवेदक से विधिवत आवेदन पत्र, चरित्र प्रमाण-पत्र तथा फिटनेस सर्टिफिकेट प्रत्येक विकासखंड से प्राप्त कर जिला स्तर पर चयन किया जाता हैं।
चयनित युवाओं को विभिन्न समूहों में देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा भ्रमण के लिये ले जाया जाता है एवं कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से सीमावर्ती भूमि में शहीदों को युवाओं द्वारा अपने निवास क्षेत्र से ले जाये गये जल से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है तथा राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा कर युवाओं के दृष्टिकोण को व्यापक बनाया गया है। युवाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र के रहवासियों की मदद से उस क्षेत्र के पशुपालन, कृषि, व्यवसाय, उद्योग धंधे, सिंचाई सुविधायें, भौगोलिक विशेषतायें, संस्कृति, रीति-रिवाज, मान्यतायें, त्यौहार इत्यादि का भी अध्ययन किया जाता है।
युवाओं द्वारा सभी शहीदों के रक्त से सिंचित सीमा क्षेत्र की मिट्टी से स्वयं को व अपने ग्राम/नगर वासियों को भी तिलक किया जाता हैं और यात्रा की समाप्ति के पश्चात् अपने रोमांचक अनुभव एवं अर्थपूर्ण जानकारियाँ अपने ग्राम/नगर व समाज के अन्य लोगों के साथ उत्साहपूर्वक साझा किये जाते हैं।

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खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित ‘‘मां तुझे प्रणाम’’ योजना में चयनित युवाओं को गृह निवास का यात्रा किराया, दैनिक भत्ता, आवास, भोजन, स्थानीय यातायात व्यवस्था, बोगी का आरक्षण, ट्रैक सूट, टी-शर्ट, किट बैग उपलब्ध कराये जाते हैं। 72 सदस्यी दल अनुभव यात्रा पर भेजा जाता हैं, जिसमें 65 युवा, 05 विभागीय अधिकारी/कर्मचारी तथा 02 पुलिस अधिकारियों को सम्मिलित किया जाता है।
योजना प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक प्रदेश के युवाओं को लेह-लद्दाख, कारगिल-द्रास, आर.एस.पुरा-जम्मू-कश्मीर, वाघा-हुसैनीवाला-पंजाब, तानोत माता का मंदिर-लोंगेवॉल, बीकानेर, बाड़मेर-राजस्थान, कोच्चि-केरल, नाथूला-दर्रा-सिक्किम, तुरा-मेघालय, पेट्रापोल, जयगांव-पश्चिम बंगाल, अण्डमान-निकोबार, केवडिया-गुजरात एवं कन्याकुमारी-तमिलनाडू की अनुभव यात्रा कराई गई हैं।योजना प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक 15588 युवक/युवती को भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा/राष्ट्रीय स्मारकों की अनुभव यात्रा कराई जा चुकी है।