सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एनआईटीटीटीआर भोपाल में लोकमाता अहिल्याबाई की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय शोध सम्मेलन का उद्घाटन इन्दर सिंह परमार, मंत्री उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर निदेशक परमार ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई भारतीय ज्ञान परंपरा की जीवंत प्रतीक थीं, जिन्होंने समाज कल्याण, धार्मिक स्थलों का संरक्षण और लोक-शिक्षा के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी दृष्टि राष्ट्रव्यापी थी और उनका जीवन राष्ट्र निर्माण की दिशा में समर्पित था।
कार्यक्रम में बीज वक्तव्य देते हुए निदेशक हेमंत मुक्तिबोध ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन “बिंदु से विराट व्यक्तित्व” बनने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे ने की, जिन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होलकर एकमात्र शासिका थीं जिन्हें “पुण्यश्लोक” उपाधि प्राप्त हुई।
निटर के निदेशक सी.सी. त्रिपाठी ने सम्मेलन की महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि इस आयोजन में 125 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम में पांच प्रमुख विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें न्यायप्रियता, पंच परिवर्तन, सांस्कृतिक पुनर्निर्माण, नारी स्वाभिमान जागरण और सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा होगी।
सम्मेलन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरु और शोधकर्ता भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनीता लाला ने किया।
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