सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: 2024 चुनाव में BJP बहुमत से 32 सीटें पीछे रह गई। मोदी 3.0 के पहले बजट में इस चुनावी झटके का असर दिखता है। इसमें नीतीश-नायडू जैसे सहयोगियों की धमक है तो कांग्रेस के मैनिफेस्टो का भी असर है। तीन बड़ी वजहें…

  1. नीतीश कुमार का दबावः बिहार को 58,900 करोड़ रुपए का ऐलान
  • बिहार में कई सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे और बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई।
  • बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपए की लागत से 2400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
  • बाढ़ से निपटने और राहत के लिए 11,500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
  • बिहार के महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर को विकसित किया जाएगा।
  • बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे।
  • बिहार में स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा।
  • गंगा नदी पर दो नए पुल बनाए जाएंगे।
  • अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

BJP को लोकसभा चुनाव में 240 सीटें मिली थीं। वहीं TDP को 16 और JDU को 12 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत के लिए 272 सीटों की जरूरत होती है। इस बेस पर इन पार्टियों के पावर का डिस्ट्रीब्यूशन करें, तो 89% पावर BJP के पास और 5.5-5.5% JDU और TDP के पास है। सरकार बनाए रखने के लिए दोनों सहयोगी दलों का समर्थन बनाए रखना भी जरूरी है। यही वजह है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर बिहार के लिए 58,900 करोड़ रुपए आवंटित करा लिए।

Impact of setback in Lok Sabha elections on budget: 74 thousand crores to Nitish-Naidu; Congress manifesto and announcement of paid internship"

  1. चंद्रबाबू नायडू का दबावः आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ देने का ऐलान
  • आंध्र प्रदेश को मदद के लिए 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।
  • आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (आंध्र प्रदेश रीऑर्गनाइजेशन एक्ट) के तहत चिंताओं के निवारण में तेजी लाई जाएगी। इसके तहत फंड पानी, बिजली, रेलवे, सड़क जैसे अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किया जाएगा।
  • आंध्र प्रदेश की पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। आंध्र प्रदेश के पिछड़े इलाकों के लिए भी एक्ट के तहत रकम मुहैया कराई जाएगी।
  1. कांग्रेस मैनिफेस्टो की झलकः हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, 5 हजार महीना देंगे
  • वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सरकार अगले 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप देगी। इस दौरान उन्हें 5 हजार रुपए हर महीने स्‍टाइपेंड मिलेगा। 1 हजार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स अपग्रेड किए जाएंगे। हर साल 25 हजार स्‍टूडेंट्स को स्किलिंग लोन का फायदा दिया जाएगा। इसके अलावा, स्कीम A के तहत, सरकार सभी फॉर्मल सेक्टर्स में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को तीन किश्तों में 15 हजार रुपए देगी। इससे अनुमानित 1 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।
  • स्कीम B के तहत, पहली बार नौकरी पाने वालों को पहले 4 साल तक EPFO (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड) के जरिए एम्प्लॉई लिंक्ड इंसेंटिव मिलेगा। यह इन्सेंटिव नौकरी पाने वाले युवाओं और कंपनियों दोनों को मिलेगा। अभी तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रोडक्ट-लिंक्ड स्कीम के तहत प्रोडक्शन बढ़ाने पर सरकार कंपनियों को इंसेंटिव देती है। इससे 30 लाख युवाओं को फायदा होने का अनुमान है।
  • स्कीम C के तहत नई नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार EPFO (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड) के जरिए 2 साल तक हर महीने 3000 रुपए देगी। सरकार का कहना है कि इससे 50 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।

लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में अप्रेंटिसशिप अधिकार अधिनियम लाने की बात कही थी। घोषणापत्र में ‘पहले नौकरी पक्की गारंटी’ शीर्षक के तहत कहा गया था, ‘कांग्रेस अप्रेंटिस एक्ट 1961 को हटाकर अप्रेंटिसशिप अधिकार अधिनियम लाएगी। यह कानून 25 साल से कम उम्र के हर डिप्लोमाधारक या कॉलेज ग्रेजुएट के लिए प्राइवेट और सरकारी कंपनियों में 1 साल की अप्रेंटिस देगा। इस कानून के तहत हर प्रशिक्षु को एक लाख रुपए का सालाना मानदेय दिया जाएगा, जो नौकरी देने वाली कंपनी और सरकार मिलकर समान रूप से वहन करेंगे। इस कानून से युवाओं को कौशल मिलेगा, रोजगार की क्षमता बढ़ेगी और करोड़ों युवाओं को नौकरी के अवसर मिलेंगे।