सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव सुर्खियों में हैं। बीते रविवार को बैंक द्वारा एक्टर की करोड़ों की प्रॉपर्टी सीज कर दी गई। बैंक ने कार्यवाही करते हुए पूरी प्रॉपर्टी को सील कर वहां बैंक का बोर्ड भी लगा दिया है। हालांकि रिपोर्ट्स की मानें तो अफसरों ने हड़बड़ी में लापरवाही करते हुए बंद घर के अंदर कूलर चलता छोड़ दिया है।

दरअसल, राजपाल यादव ने साल 2012 में फिल्म अता पता लापता बनाने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 5 करोड़ को लोन लिया था। समय के साथ ये लोन 11 करोड़ हो चुका है, जिसे एक्टर चुका नहीं सके। लोन न चुका पाने पर रविवार को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बांद्रा स्थित ब्रांच के अफसरों ने कार्यवाही करते हुए शाहजहांपुर के कचहरी ओवरब्रिज के पास सेठ एनक्लेव में स्थित प्रॉपर्टी सील कर दी, जो उन्होंने गारंटी के तौर पर रखी थी।

गोपनीय तरीके से अफसरों ने कार्यवाही की और पूरी प्रॉपर्टी सील कर दी। टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राजपाल यादव ने वो प्रॉपर्टी मार्बल विक्रेताओं को किराए पर दे रखी थी। अफसरों ने इतनी हड़बड़ी में इसे सीज किया है कि प्रॉपर्टी के अंदर चल रहा कूलर तक ऑफ नहीं किया गया।

अब राजपाल यादव की प्रॉपर्टी में बैंक ने अपना बोर्ड लगा दिया है। बोर्ड में लिखा गया है कि ये संपत्ति अब से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की है, इसे न तो खरीदा जा सकता है न ही बेचा।

क्या है पूरा मामला?

राजपाल यादव साल 2012 की फिल्म अता पता लापता में नजर आए थे। इस फिल्म को उनकी पत्नी राधा यादव ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। फिल्म में पैसे लगाने के लिए राजपाल यादव ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 5 करोड़ रुपए का लोन लिया था। फिल्म रिलीज से पहले ही बिजनेसमैन एम.जी.अग्रवाल ने राजपाल यादव पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसके चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म रिलीज पर रोक लगा दी थी।

एम.जी.अग्रवाल का आरोप था कि राजपाल ने उनसे 5 करोड़ रुपए लिए थे। उनकी कंपनी मुरली प्रोजेक्ट का राजपाल के साथ कॉन्ट्रैक्ट था, हालांकि राजपाल यादव स्वतंत्र रूप से फिल्म रिलीज कर रहे हैं। जब उन्होंने अपने पैसे लौटाने को कहा, तो राजपाल यादव ने उन्हें एक चैक दिया था, जो बाउंस हो गया था। कई विवादों के बाद ये फिल्म 2 नवंबर 2012 को रिलीज हो सकी थी। करोड़ों में बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही और महज 38 लाख रुपए का ही कलेक्शन कर सकी।

मामले में जाना पड़ा था जेल

चेक बाउंस होने के मामले में राजपाल यादव को साल 2018 में जेल भी जाना पड़ा था। वो करीब 3 महीने तक जेल में रहे थे।