भोपाल । राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) के सड़क और भवनों के रखरखाव का काम लोक निर्माण विभाग देखेगा। जबकि, उद्यानों की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी जाएगी। सीपीए को दो हिस्से में बांटे जाने की तैयारी है। पूर्व में यह काम नगर निगम की उद्यानिकी शाखा को देने की तैयारी थी लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी। अब वन विभाग इसके लिए अलग से शाखा बनाएगा। प्रतिनियुक्ति पर आए लगभग सवा तीन सौ अधिकारियों-कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में वापस लौटाया जाएगा और बाकी कर्मचारियों को नगर निगम और लोक निर्माण विभाग में समायोजित करना प्रस्तावित है।
इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में हो सकता है। सीपीए के कामों को लेकर बार-बार उठने वाले सवालों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे बंद करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों की माने तो सीपीए के पास शहर की 92 किलोमीटर की 52 सड़कें हैं। करीब 25 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने लोक निर्माण और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद सीपीए को बंद करने और उसके दायित्व का बंटवारा विभागों के बीच करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार सड़क और भवनों के रखरखाव के काम लोक निर्माण को सौंपे जाएंगे। शहर के 132 एकड़ में एकांत, प्रियदर्शनी, मयूर, चिनार, प्रकाश तरण पुष्कर सहित अन्य उद्यान को वन विभाग को देना प्रस्तावित किया गया है।
विभाग इनके संधारण के लिए अलग से शाखा बनाएगा। इसमें उन अधिकारियों-कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा, जो फिलहाल सीपीए में उद्यानों से जुड़ा काम देखते हैं। दरअसल, भोपाल में प्रतिवर्ष सड़कों के खराब होने की समस्या सामने आती है। इसको लेकर लोक निर्माण, नगर निगम और सीपीए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में नाराजगी जताते हुए कहा था कि सीपीए का कोई मतलब नहीं रह गया है। इसे बंद करके एक ही एजेंसी को सड़क और भवनों के रखरखाव के काम सौंप दिए जाएं।