सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारतीय शिक्षण मंडल के 55 वें स्थापना दिवस के मौके पर एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के सभागर में एक दिवसीय आनंदशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. आर. शंकरानंद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश आलोक वर्मा जेएनसीटी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति अनुपम चौकसे मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष एन.के. थापक प्रांत मंत्री शिव कुमार शर्मा मुख्य रूप से उपस्थिति थे। आनंदशाला का शुभारंभ कार्यक्रम में पधारे अतिथियों ने मॉ सरस्वती की वंदना कर किया।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी.आर. शंकरानंद ने कहा कि मनुष्य निर्माण के लिये शिक्षा आवश्यक है। शिक्षा के बिना मनुष्य, मनुष्य नहीं हो सकता। शिक्षा से ही शिक्षक तैयार होते है। विकसित भारत सिर्फ शिक्षकों से नहीं बनाया जा सकता है, बल्कि गुरू से ही विकसित भारत बनाया जा सकता है। इसलिये शिक्षकों को गुरू बनने की ओर अग्रसित होना चाहिये। प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी गुरू की परंपरा थी, शिक्षकों की नहीं।
कार्यक्रम के दौरान जेएनसीटी यूनिवर्सिटी भोपाल के कुलाधिपति अनुपम चौकसे ने भारतीय शिक्षा मंडल के शिक्षा के क्षेत्र में दिये जा रहे योगदान पर चर्चा की। उन्होने कहा कि यह संगठन शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम एवं पद्धत्ति तीनों भारतीय मूल्यों पर आधारित, तथा भारत हित की हो, इस दृष्टि से संगठन वैचारिक, शैक्षिक और व्यावहारिक गतिविधियों का नियमित आयोजन करता है। इसके अलावा भारतीय शिक्षा मंडल ने पंचआयामी कार्यप्रणाली विकसित की है,
कार्यक्रम के दौरान भारतीय शिक्षण मंडल मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष एन.के. थापक ने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल ने युवाओं में राष्ट्रभक्ति के साथ ही राष्ट्रगौरव का भाव जागृत करने तथा युवाओं की प्रतिभा और उत्साह को राष्ट्र समर्पण हेतु तैयार करने के उद्देश्य से युवा आयाम भी प्रारम्भ किया है। जैसा कि आप सभी लोग जानते है, कि भारत सरकार के द्वारा ऱाष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया है। भारतीय शिक्षण मंडल की आगे की कार्ययोजना विकसित भारत के 2047 का विजन तैयार करना है, ताकि विकसित भारत में शिक्षा के योगदान को सिद्ध किया जा सकता है। इसके लिये संगठन लगातार सक्रिय है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के शिक्षक, गैर शिक्षकीय कर्मचारियों के साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थी और गणमान्य लोग मौजूद रहे।