सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल के केस की जल्दी सुनवाई से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने सुनवाई तय तारीख 20 दिसंबर से पहले करने की याचिका लगाई थी।
उनकी याचिका खारिज करते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा- सुनवाई तय तारीख पर ही होगी। हमारे पास सुनवाई के लिए और भी बहुत सारे मामले हैं।
कोर्ट के जल्दी सुनवाई से इनकार के बाद केजरीवाल के वकील ने मांग रखी कि उनके खिलाफ दायर ED की याचिका की कॉपी उन्हें पहले से मुहैया कराई जाए।
कोर्ट ने उनकी इस मांग को मान लिया है। जस्टिस ओहरी ने निर्देश दिए हैं कि सुनवाई से पहले दोनों पक्षों के बीच जरूरी दस्तावेज साझा हो जाए।
सुनवाई पर रोक लगाने से भी मना कर चुका है हाईकोर्ट इससे पहले 21 नंवबर को हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर स्टे लगाने से भी इनकार कर दिया था।
केजरीवाल की दलील थी कि निचली अदालत ने बिना किसी पूर्व मंजूरी के अपराध का संज्ञान लेने में गलती की है। जब केजरीवाल पर कार्रवाई हुए उस समय वे दिल्ली के मुख्यमंत्री थे। ऐसे मामलों में CrPC की धारा 197 (1) के तहत राज्यपाल की पूर्व मंजूरी लेना आवश्यक होती है।
कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर ED से जवाब मांगा था। अब इस मामले में भी 20 दिसंबर को ही सुनवाई होगी।
केजरीवाल फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उनके खिलाफ 2 जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को CBI केस में जमानत दी थी। वहीं, ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिल गई थी।
शराब नीति केस में ED ने उन्हें 21 मार्च को अरेस्ट किया था। बाद में 26 जून को CBI ने उन्हें जेल से हिरासत में लिया था।
शराब नीति केस- केजरीवाल 156 दिन जेल में बिता चुके केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया।
13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई के वक्त उन्हें जेल गए कुल 177 दिन हो गए थे। इनमें से वे 21 दिन अंतरिम जमानत पर रहे। यानी केजरीवाल ने अब तक कुल 156 दिन जेल में बिताए हैं।
#शराबनीतिमामला, #दिल्लीहाईकोर्ट, #जल्दसुनवाई, #न्यायालय, #कानून