रोम । दुनिया कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से उबरने की कोशिश में जुटी थी कि एक उससे भी ज्यादा खतरनाक नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है। साउथ अफ्रीका में मिले इस नए वेरिएंट ने एक बार फिर से दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। ओमिक्रॉन वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन में 6 गुना ज्यादा म्यूटेशन हो रहे हैं।

इसकी पुष्टि ओमिक्रॉन पर हुए रिसर्च में हुई है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की पहली तस्वीर रोम के प्रतिष्ठित बैम्बिनो गेसू अस्पताल ने प्रकाशित की है। रिसर्च में कहा गया है कि यह वेरिएंट इंसानों की तरह खुद को बदल रहा है। नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर रिसर्च कर रही टीम ने कहा ओमिक्रॉन को तीन आयामों से देखने के बाद कहा जा सकता है कि यह डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा म्यूटेशन कर सकता है। यह वेरिएंट लगातार खुद को इंसानों के मुताबिक बदल रहा है।

प्रोटीन म्यूटेशन के साथ यह मानव कोशिकाओं पर प्रभाव डालता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नतीजे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं कि यह म्यूटेशन अधिक खतरनाक हैं। उनका कहना है कि नया वेरिएंट खुद को मानव प्रजातियों के अनुकूल बना रहा है, लेकिन हमें इस पर और रिसर्च की जरूरत है। ताकि पता चल सके कि यह खतरनाक है या नहीं।

चिंता की बात ये है कि पहचाने जाने के सिर्फ दो दिन में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया है।

दुनिया में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट को भी पहले इस श्रेणी में घोषित किया गया था। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का पहला केस 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में मिला था। साउथ अफ्रीका के अलावा यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, बेल्जियम, बोत्सवाना, हांगकांग और इजराइल में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है। इस वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से आने-जाने यात्रियों पर रोक लगा दी है।