सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: 18 सितंबर को लेबनान के कई शहरों में पेजर्स में अचानक धमाके होने से हड़कंप मच गया। इस घटनाक्रम में 11 लोगों की मौत हो गई और 3000 से अधिक लोग घायल हो गए। रिपोर्टों के अनुसार, यह सीरियल पेजर ब्लास्ट हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर किए गए थे, हालांकि कई आम नागरिक भी प्रभावित हुए हैं, जिसमें ईरानी राजदूत भी शामिल हैं। हिजबुल्लाह ने इन धमाकों का आरोप इजराइल पर लगाया है।
पेजर का इस्तेमाल क्यों?
हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों को हैकिंग और हमलों के खतरे से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। इसी कारण लोग पेजर का उपयोग कर रहे हैं। पेजर एक वायरलेस डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल संदेश भेजने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से संदेश भेजने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे यह ट्रेस करना मुश्किल होता है।
पेजर्स में विस्फोट कैसे हुआ?
विशेषज्ञों के अनुसार, पेजर्स में विस्फोट दो संभावित तरीकों से हुआ हो सकता है:
- हैकिंग: ऐसा हो सकता है कि पेजर्स को हैक कर उनकी बैटरी को ओवरहीट किया गया हो। हालांकि, इस संभावना को कम माना जा रहा है।
- सप्लाई चेन अटैक: अनुमान है कि पेजर्स में विस्फोटक पहले से लगाए गए थे, जो एक खास संदेश मिलने पर विस्फोट कर सकते थे।
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर का उपयोग
इस मामले को इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर का हिस्सा माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि इजराइल ने रेडियो तरंगों का उपयोग करके पेजर्स पर कोडेड संदेश भेजा, जिससे ये धमाके हुए। अमेरिकी विश्लेषकों का मानना है कि यह इजराइल की खुफिया तकनीक और ताकत का प्रतीक है।
इजराइल का मकसद
विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल का उद्देश्य हिजबुल्लाह को मानसिक तौर पर कमजोर करना है। इस हमले के जरिए इजराइल ने यह संदेश दिया है कि उसके पास खुफिया तंत्र और तकनीक है, जिससे वह कहीं भी हमला कर सकता है।
लेबनान की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है, ऐसे में इस तरह के हमले हिजबुल्लाह के प्रति जनमानस में नकारात्मक भावना पैदा कर सकते हैं।