सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की 95वीं बर्थ एनिवर्सरी आज है। 6 फरवरी 2022 को उनके निधन के बावजूद उनकी अमर आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। लता जी ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उनकी प्रतिभा और समर्पण ने उन्हें संगीत की दुनिया में अमर कर दिया।

गरीबी के दिनों में पहनी ₹12 की साड़ी
लता मंगेशकर ने अपने संघर्ष के दिनों में महज ₹12 की साड़ी पहनकर काम किया। 1947-48 के दौरान, जब उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, वे राशन की दुकान से साड़ी खरीदती थीं। उन्होंने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी साड़ियों को इस्त्री करवा सकें, इसलिए वह उन्हें सिरहाने दबाकर सोती थीं ताकि वे इस्त्री जैसी हो जाएं।

मेल सिंगर की टिप्पणी पर छोड़ी रिकॉर्डिंग
1949 में फिल्म ‘चांदनी रात’ के गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान मेल सिंगर जीएम दुर्रानी ने लता जी की सादी सफेद साड़ी पर टिप्पणी करते हुए कहा, “तुम सफेद चादर लपेटकर क्यों आती हो, रंगीन कपड़े क्यों नहीं पहनती?” उनकी इस टिप्पणी से आहत होकर लता जी ने तुरंत रिकॉर्डिंग बंद कर दी और फैसला किया कि वह दुर्रानी के साथ कभी काम नहीं करेंगी।

लता मंगेशकर का यह साहसिक कदम उनके आत्मसम्मान और गायकी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है और वह हमेशा भारतीय संगीत जगत की महानतम गायिका के रूप में याद की जाएंगी।