सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और महायुति गठबंधन का दावा इस बार मजबूत नजर आ रहा है। इस गठबंधन में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी भी शामिल हैं। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कई लोकलुभावन वादे किए हैं, जैसे किसानों की कर्ज माफी, महिलाओं और बुजुर्गों को आर्थिक सहायता, और 25 लाख रोजगार सृजन का वादा। लेकिन चुनावी जीत के लिए कई मुख्य बिंदु अहम हैं:

महायुति गठबंधन की ताकत
बीजेपी इस बार महायुति गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है, जिसमें एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिंदे की शिवसेना शामिल हैं। इस गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को चुनौती देना है। इस गठबंधन की व्यापक पहुंच, खासकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में, बीजेपी को मजबूत समर्थन दे सकती है।

विकास और आर्थिक मुद्दे
बीजेपी का संकल्प पत्र विकास पर आधारित है, जिसमें किसानों की कर्ज माफी, महिलाओं को आर्थिक सहयोग, और बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाने जैसे वादे शामिल हैं। इन मुद्दों का ग्रामीण और शहरी वोटरों पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, खासकर जब महाराष्ट्र में आर्थिक अस्थिरता और किसानों के मुद्दे बड़े चुनावी मुद्दे बने हुए हैं।

विपक्ष पर हमला और विचारधारा का प्रभाव
गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेताओं ने महा विकास अघाड़ी पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। बीजेपी की यह रणनीति उनके कोर वोटबेस को मजबूत बनाए रखने में मददगार हो सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में बीजेपी के समर्थक जातिगत और धार्मिक आधार पर प्रभावी हैं।

चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और जनमत
कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार, महायुति गठबंधन को लाभ मिल सकता है, लेकिन सीटों का निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करेगा, जैसे स्थानीय मुद्दे और जातीय समीकरण। एमवीए गठबंधन भी एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रहा है, जिससे बीजेपी और महायुति के लिए चुनौती बन सकती है।

वोट बैंक में परिवर्तन और युवा मतदाता
महाराष्ट्र में युवाओं का समर्थन हासिल करना बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है। रोजगार सृजन का वादा इस वर्ग को आकर्षित कर सकता है, जबकि एमवीए भी युवाओं के मुद्दों को प्राथमिकता दे रहा है।

फिलहाल, बीजेपी का गठबंधन एक मजबूत स्थिति में है और कई राजनीतिक पंडित मानते हैं कि महायुति को बढ़त मिल सकती है। हालांकि, एमवीए भी जमीनी स्तर पर मजबूत चुनौती दे रहा है और परिणाम नजदीकी हो सकते हैं। 23 नवंबर को मतगणना से ही साफ होगा कि क्या बीजेपी इस चुनाव में जीत हासिल करेगी। तब तक, आईटीडीसी न्यूज़ से जुड़े रहें नए अपडेट्स के लिए।

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