सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत के इंटरनेट सेक्टर में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि एलन मस्क की स्टारलिंक, Jio और Airtel को टक्कर देने के लिए तैयार है। आइए जानते हैं, क्या है मस्क की रणनीति और क्या इसे Jio और Airtel जैसी कंपनियों के लिए चुनौती माना जा सकता है।
स्टारलिंक का भारत में प्रवेश
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस की मांग की है। स्टारलिंक भारत में अल्ट्रा-हाई स्पीड इंटरनेट लाने की योजना बना रही है, जो BSNL, Jio और Airtel जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
क्या स्टारलिंक भारत में सस्ती होगी?
जी हाँ, होगी। भारत में इंटरनेट सेवाएं दुनियाभर में सबसे सस्ती मानी जाती हैं। हालांकि, मस्क ने अफ्रीका में केवल 10 डॉलर प्रति माह में स्टारलिंक सेवा दी है। अगर यही मॉडल भारत में लागू होता है, तो Jio और Airtel को स्टारलिंक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
स्पेक्ट्रम की नीलामी और भारतीय नियम
भारत सरकार ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी की बजाय प्रशासनिक आवंटन का फैसला किया है, जो मस्क के पक्ष में है। हालांकि, सरकार की ओर से डेटा स्टोरेज और सुरक्षा को लेकर सख्त नियम हैं, जिन्हें पूरा करना अनिवार्य होगा।
Jio और Airtel की चिंताएं
Jio के पास 1.40 करोड़ वायर्ड और लगभग 50 करोड़ मोबाइल इंटरनेट यूजर्स हैं, जबकि Airtel के पास भी करोड़ों ग्राहक हैं। स्पेक्ट्रम पर अरबों खर्च करने के बावजूद, सैटेलाइट तकनीक के आने से उनके ग्राहक स्टारलिंक की ओर जा सकते हैं।
मस्क की रणनीति – Jio से प्रेरणा
मुकेश अंबानी ने Jio लॉन्च के समय मुफ्त सेवाओं से बाजार में अपनी जगह बनाई थी, और अब एलन मस्क भी इसी रणनीति पर चल रहे हैं। अमेरिका में जहाँ स्टारलिंक की सेवाएं महंगी हैं, वहीं अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में इसे सस्ते में उपलब्ध कराया गया है। क्या भारत में भी ऐसा हो सकता है?
निष्कर्ष
तो क्या एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में इंटरनेट के बाजार में बदलाव लाएगी? Jio और Airtel इस चुनौती का कैसे मुकाबला करेंगे?