सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुई ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस के बाद से डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। जूनियर डॉक्टरों ने 40 दिन से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है और पिछले 9 दिनों से कोलकाता के स्वास्थ्य भवन के सामने डटे हुए हैं।
डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने से इनकार करते हुए ममता बनर्जी से एक और मीटिंग की मांग की है। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत को ईमेल भेजकर कहा है कि अभी तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी गई हैं।
16 सितंबर को ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच हुई मीटिंग में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली थीं, जिसमें पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाना शामिल था। इसके बाद भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है, यह कहते हुए कि स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम का इस्तीफा आवश्यक है और अस्पतालों में “थ्रेट कल्चर” खत्म करने की मांग भी अभी तक नहीं मानी गई है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को सरकार की जिम्मेदारी बताया है। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को रात में काम करने से नहीं रोका जाना चाहिए। मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि सुरक्षा प्रदान करना सरकार का काम है।
पीड़ित के पिता का आरोप
पीड़ित ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि यदि उन्होंने 2021 में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती, तो उनकी बेटी आज जीवित होती। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सजा मिलने पर ही उनकी जीत होगी।
यह मामला अब भी गरमाता जा रहा है और डॉक्टरों का आंदोलन जारी है। सभी की नजरें अब ममता बनर्जी और स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे पर हैं।