सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: खजराना गणेश मंदिर का लड्डू प्रसाद और भोजन प्रसादी एक बार फिर शुद्धता के मानक पर खरे उतरे हैं। भारत सरकार की एजेंसी, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने वर्ष 2023-24 के लिए मंदिर को हाइजीनिक सर्टिफिकेट प्रदान किया है, जिसका अर्थ है कि यहां के प्रसाद पूरी तरह से शुद्ध हैं।
श्री गणपति मंदिर प्रबंध समिति के संचालक पं. अशोक भट्ट ने बताया कि अन्नक्षेत्र और लड्डू प्रसादी में इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री उच्च गुणवत्ता की होती है। लड्डू बनाने के लिए घी, बेसन, शक्कर, और ड्रायफ्रूट्स की गुणवत्ता को पहले चेक किया जाता है। अन्नक्षेत्र में भी तुअर दाल, चावल, मसाले, तेल, केसर, और आटा जैसी सभी सामग्री ब्रांडेड होती है और उपयोग से पहले परखी जाती है।
वर्ष 2022-23 में मंदिर प्रबंधन ने मानक नियमों के अनुसार 83 लाख 90 हजार 139 रुपए की सामग्री खरीदी। इसी कारण एफएसएसएआई द्वारा समय-समय पर शुद्धता का प्रमाण पत्र दिया जाता रहा है।
श्रद्धालुओं की संख्या:
- हर बुधवार 1 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं।
- आम दिनों में 25-30 हजार श्रद्धालु मंदिर में आते हैं।
- त्योहारों पर यह आंकड़ा 3 लाख से ज्यादा हो जाता है।
- अन्न क्षेत्र में रोज 4000 से अधिक श्रद्धालु भोजन प्रसादी लेते हैं, जिसमें सुबह दाल, चावल, सब्जी, रोटी और खीर, जबकि शाम को पनीर की सब्जी और खिचड़ी दी जाती है।
लड्डू की बिक्री: मंदिर में 55 दुकानों के साथ 30 बाहरी दुकानों और 3 काउंटरों से लड्डू प्रसाद बेचा जाता है। बुधवार को 75 क्विंटल लड्डू बिकते हैं, जबकि सप्ताह के अन्य दिनों में औसतन 15 क्विंटल की बिक्री होती है। प्रमुख त्योहारों पर, जैसे गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी, 500 क्विंटल तक लड्डू बिकते हैं। दुकानदारों को हमेशा गुणवत्ता बनाए रखने की सलाह दी जाती है, और समिति के सदस्य नियमित रूप से दुकानों पर बिक रहे लड्डू की आकस्मिक जांच करते हैं।
इस प्रकार, खजराना गणेश मंदिर की प्रसाद की गुणवत्ता और श्रद्धालुओं की सेवा का स्तर लगातार उच्च बना हुआ है।