सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :   राजधानी के मैनिट केंपस स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्रॉलॉजी(ट्रिपल आईटी) की बोर्ड ऑफ गवर्मेंस की चेयरपर्सन कविता खन्ना को नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने की है। इस नियुक्ति के तत्काल बाद ही कविता खन्ना ने भोपाल का रुख किया और संस्थान की गतिविधियों का जायजा लिया व बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की बैठक में शामिल हुई।  ट्रिपल आईटी के वरिष्ट अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक का सार जो सामने आया है, उसके अनुसार ट्रिपल आईटी ने अब तक एकेडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर तो काफी बेहतरीन किया है, लेकिन अब संस्थान के फिजीकल इंफ्रास्ट्रक्चर यानि केंपस को लेकर भी जल्द कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है। इससे संस्थान को न सिर्फ अपना खुद का केंपस मिलेगा, बल्कि स्वयं के होस्टल सहित सभी वे सुविधाएं मिल जाएंगी, जो नेशनल इंस्टीट्यूट के लिए आवश्यक हो सकती हैं। ऐसे ही कुछ बिंदुओं को लेकर कविता खन्ना से ने कुछ सवाल पूछे, जिनका जबाव उन्होंने बेहद सरल और सहजता के साथ दिया।

ट्रिपल आईटी केंपस के लिए अब आगे क्या होगा? इस संबंध में कविता खन्ना का कहना है कि ट्रिपल आईटी ने अब तक जो एक्टिीविटीज की हैं, वे तारीफ के काबिल हैं। यहां तक की अपने स्वयं के फंड से इतना कुछ करना अच्छी बात है। लगभग शत प्रतिशत प्लेसमेंट एवं इंटर्नशिप के अवसर  तथा स्टार्टअप आइडिया पर छात्रों द्वार  किए गए कार्यों की सराहना की। निदेशक ट्रिपल आई टी प्रो. आशुतोष्टोष कुमार सिंह ने भी संवाद करते हुए कहा कि कोई कोर्स शुरू करने से पहले जो सर्वे और अन्य जानकारियों ली गईं, जिससे स्टूडेंट्स को बेहतर करियर मिले, यह अच्छा और आगे तक की सोच है। श्रीमती खन्ना ने कहा कि अभी संस्थान पीपीपी मोड पर है, तो उसे अपना केंपस भी मिलना चाहिए।

वे कहती हैं कि चूंकि, मेरी मेंटरशिप है तो मैं इसके लिए बीओजी में यह बात रखने के साथ ही सेंट्रल मिनिस्ट्री से जमीन के लिए प्रयास करुंगी कि यह कार्य जल्द से जल्द हो। हालांकि, इसका काफी कार्य हो चुका है, इस लिए अब जल्द केंपस भी मिल जाएगा। आपके अनुभव का लाभ स्टूडेंट्स को वैश्विक प्रतिष्पर्धा में कैसे मदद करेगा? मैं चाहूंगी कि अपने देश का टैलेंट देश को प्राथमिकता दे। हालांकि, इस दिशा में सबका अपना नजरिया अलग है। मेरी पूरी कोशिश है कि संस्थान में ऐसे कोर्स और ऐसी गतिविधियां हों, जो स्टूडेंट्स को दुनियाभर में कहीं भी पीछे नहीं रखें। लेकिन देश को प्राथमिकता दी जाना चाहिए। चूंकि, मैं अकेले किसी निर्णय को नहीं ले सकती, इस लिए सभी मिलकर जो बेहतर से बेहतर हो सकेगा, किया जाएगा। यहां ध्यान रहे कि कविता खन्ना चार बार सांसद रह चुके एवं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने कलाकार स्वर्गीय विनोद खन्ना की पत्नी हैं। वे लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स की पूर्वछात्रा रह चुकीं हैं। उन्होंने लंदन से बैरिस्टर ऑफ़  लॉ फ्रॉम लिंकस इन की उपाधि प्राप्त की है।

सोपीपत और भोपाल दोनों संस्थान की चेयरपर्सन के नाते आपको दोनों  संस्थान में क्या अंतर दिखा? भोपाल ट्रिपल आईटी की बीओजी चेयरपर्सन मैं अभी बनी हूं। मैंने आज पहली बार भोपाल का दौरा किया है। अब तक जो भी मैंने देखा और समझा है, उसके अनुसार दोनों संस्थान ही बेहतर कार्य कर रहे हैं। इसमें कोई अंतर नहीं। भोपाल में निदेशक प्रोण् आशुतोष कुमार सिंह का कार्य बहुत बेहतर है।

आरजीपीवी को पीपीपी मोड में पार्टनर बनाया, क्या सही है? यह प्रक्रिया पहले से चल रही है। आरजीपीवी को पीपीपी मोड में पार्टनर बनाना गलत भी नहीं लगा। किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय और संस्थान को पीपीपी मोड में पार्टनर बनाया जा सकता है, हां यह बात अलग है कि एक और पार्टनर भी देखा जा सकता है।

ट्रिपल आई टी के निदेशक ने बताया कि संस्थान की बी ओ की बैठक में 11 सदस्य शामिल हुए, जिनमें ट्रिपल आईटी डायरेक्टर आशुतोष कुमार सिंह, मैनिट डायरेक्टर केके शुक्ला और आरजीपीवी के कुलपति राजीव त्रिपाठी प्रमुख रूप से मौजूद थे।

रातीबड़ में 62 एकड़ जमीन फाइनल, जल्द शुरू होगा निर्माण

बैठक के दौरान संस्थान की बिल्डिंग निर्माण को लेकर चर्चा हुई।

इंजीनियरिंग छात्रों के लिए मजबूत एकेडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी

मीडिया से चर्चा करते हुए कविता खन्ना ने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए इमारत महत्वपूर्ण होती है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी एकेडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संस्थान से निकलने वाले छात्रों को बेहतरीन नौकरी मिले, यह उनकी प्राथमिकता होगी।

इंजीनियरिंग की गुणवत्ता पर जोर, पीपीपी मॉडल पर हो रहा काम

इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर उन्होंने कहा कि सेल्फ-इंप्रूवमेंट बेहद जरूरी है। यदि छात्र खुद को निखारें, तो वे कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थानों को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर तैयार किया जा रहा है, जिससे शिक्षा और इंडस्ट्री के बीच बेहतर समन्वय हो सके।

मेंटरिंग और इंडस्ट्री सहयोग पर रहेगा फोकस

कविता खन्ना ने कहा कि उनकी मुख्य भूमिका मेंटरिंग की रहेगी और वे ट्रिपल आईटी भोपाल के साथ-साथ ट्रिपल आईटी सोनीपत की भी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। बैठक के दौरान आरजीपीवी कुलपति ने कमर्शियल और फाइनेंशियल सपोर्ट देने की बात कही, जिससे संस्थान को मजबूती मिलेगी।

संस्थान के डायरेक्टर बोले – जल्द शुरू होगा काम

ट्रिपल आईटी भोपाल के डायरेक्टर आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि रातीबड़ में दी गई 62 एकड़ जमीन पर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। चेयरपर्सन कविता खन्ना ने भी आश्वासन दिया कि वे खुद अगली बैठक में जमीन का निरीक्षण करेंगी और निर्माण कार्य की प्रगति सुनिश्चित करेंगी। चेयरपर्सन श्रीमती कविता खन्ना ने फैकल्टीज से चर्चा करते हुए उन्हें स्ट्रेस फ्री रहते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और टीम वर्क में कार्य करने पर बल दिया।

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