सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुई टारगेट किलिंग में अमेरिकी राइफल का इस्तेमाल किया गया है। दरअसल, सोमवार को आतंकियों ने राजौरी में मोहम्मद रज्जाक नाम के एक सरकारी कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
छानबीन के बाद पुलिस ने बताया कि हत्या के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था। उन्होंने अमेरिका में बनी M4 राइफल और पिस्टल का इस्तेमाल किया। घटनास्थल से पुलिस ने इस राइफल की कई बुलेट बरामद की हैं। हमलावरों को पकड़ने के लिए सेना और पुलिस ने इलाके में घेराबंदी कर दी है।
इससे पहले साल 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारतीय सेना को कश्मीर के कई हिस्सों में आतंकियों के पास से M4 राइफल्स मिलीं थीं। दिसंबर 2020 में भी एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 6 आतंकियों को मार गिराया था। इन सबके पास से अमेरिकी हथियार बरामद हुए थे।
क्या है M4 राइफल
M4 राइफल को सटीक निशाने और रात में निशाना साधने के लिए जाना जाता है। इसमें मामूली बदलाव कर इसे ग्रेनेड लॉन्चर भी बनाया जा सकता है। इसकी तुलना कई बार AK-47 से की जाती है। यह राइफल करीब 600 मीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। साथ ही ये लगातार 950 गोलियां भी दाग सकती है।
इस राइफल का इस्तेमाल दुनियाभर में 60 देशों की सेनाएं करती हैं। इनमें पाकिस्तान भी शामिल है। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से लौटने के बाद नाटो की सेना ने साढ़े 3 लाख से ज्यादा राइफल वहीं छोड़ दी थीं। इनमें भारी मात्रा में M4 राइफल्स भी शामिल थीं।
रज्जाक के भाई सेना में जवान, पिता की भी आतंकियों ने हत्या की थी
वहीं राजौरी में टारगेट किलिंग के बाद थाना मंडी तेहसील के शाहदरा शरीफ इलाके और कुंदा गांव में छानबीन की जा रही है। पूरे जिले में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। टारगेट किलिंग में मारे गए 40 साल के रज्जाक सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। उनके भाई सेना में जवान हैं।
आतंकियों ने मोहम्मद रज्जाक के घर पर फायरिंग की थी। इस दौरान रज्जाक को गोली लग गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 साल पहले रज्जाक के पिता की भी आतंकियों ने इसी इलाके में हत्या कर दी थी।
आर्टिकल 370 हटने के बाद बढ़ी टारगेट किलिंग
जम्मू-कश्मीर में एक महीने के भीतर टारगेट किलिंग की ये तीसरी घटना है। इससे पहले दो गैर कश्मीरियों की हत्या की गई थी। अनंतनाग में 17 अप्रैल को आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी शंकर शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
8 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था।
आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।