सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: फिल्म गजनी में आमिर खान को देखकर सिक्स पैक एब्स बनाने का फैशन चल पड़ा था। सिक्स पैक के बाद एट पैक एब्स का ट्रेंड शुरू हुआ। शाहरुख ने फिल्म हैप्पी न्यू ईयर में इसकी एक झलक दिखाई। वैसे यहां हम सलमान खान को क्यों भूल रहे हैं। सलमान खान तो बॉडी बिल्डिंग के ध्वज वाहक माने जाते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी उनकी बॉडी की खूब चर्चा होती है।

हालांकि, ऐसी बॉडी बनाने के लिए एक्टर्स को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। खाने-पीने पर कंट्रोल करना पड़ता है। बात अगर किसी फिल्म में स्पेशल रोल करने की हो तो यह मेहनत दोगुनी हो जाती है। एक्टर्स अपने रोल में ढलने के लिए फिटनेस ट्रेनर रखते हैं। एक्टर्स की बॉडी बिल्डिंग में इन फिटनेस ट्रेनर्स का बहुत बड़ा रोल होता है।

रील टु रियल के नए एपिसोड में हमने ऐसे ही एक फिटनेस ट्रेनर त्रिदेव पांडे से बात की है। उन्होंने बताया कि कुछ एक्टर्स जल्दी बॉडी बनाने की चाह में स्टेरॉयड का प्रयोग करते हैं, लेकिन यह बॉडी के लिए खतरनाक है। त्रिदेव पांडे ने यहां तक बताया कि कई बड़े एक्टर्स की जो हम बॉडी देखते हैं, वो स्टेरॉयड लेने का ही नतीजा है।

फिल्म चंदू चैंपियन के लिए कार्तिक आर्यन को भी लोगों ने यही सलाह दी थी, लेकिन कार्तिक ने नैचुरली बॉडी बनाना ज्यादा सही समझा। चंदू चैंपियन के लिए कार्तिक ने त्रिदेव पांडे से ही ट्रेनिंग ली थी।

बॉडी बनाने का मतलब सिर्फ सिक्स पैक एब्स नहीं

एक्टर्स के लिए सिक्स पैक एब्स बनाना जरूरी होता है? क्या बॉडी बिल्डिंग का पैरामीटर यही है? जवाब में त्रिदेव ने कहा, ‘नहीं, ऐसा नहीं है। एक फिटनेस कोच के तौर पर मैं इसे बिल्कुल प्रमोट नहीं करता हूं। बॉडी बनाने का मतलब सिर्फ सिक्स पैक एब्स नहीं है। आपको अंदर से फिट महसूस होना चाहिए।

बॉडी दिखने में एस्थेटिक होनी चाहिए। सिक्स पैक बनाना प्रैक्टिकली आसान है। अगर किसी ने ठान लिया कि उसे सिक्स पैक चाहिए ही चाहिए तो वो कुछ महीनों के वर्कआउट के बाद इसे हासिल कर लेता है। हालांकि, असली दिक्कत इसे मेंटेन करने में है।’

कई एक्टर्स सिक्स पैक एब्स को मेंटेन नहीं रख पाते

त्रिदेव ने कहा कि कई एक्टर्स सिक्स पैक एब्स तो बना लेते हैं, लेकिन इसे मेंटेन नहीं कर पाते। दो से चार महीनों के बाद वे वापस पहले की तरह हो जाते हैं। त्रिदेव ने कहा, ‘सिक्स पैक बनाकर आप दिख तो अच्छे सकते हैं, लेकिन अंदर से बॉडी कितनी खोखली होती है, वो मुझे पता है।

आप खुद ही देखिए, जितने भी एक्टर्स ने एक टाइम पर सिक्स पैक एब्स बनाया है, आज के डेट में उनकी बॉडी बिल्कुल डिफरेंट है। सिक्स पैक फिल्मों में किसी पर्टिकुलर रोल के लिए बनाना ठीक है, लेकिन इसे लंबे समय तक कैरी करना आसान नहीं है और न ही जरूरी है।’