सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: डॉक्टर पेरेंट्स के बेटे कार्तिक आर्यन का सपना था बॉलीवुड में अभिनेता बनना। लेकिन बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड और सीमित आर्थिक संसाधनों के साथ, कार्तिक की यह यात्रा आसान नहीं थी। शुरुआत में उन्होंने मुंबई के एक पीजी में 12 अन्य लोगों के साथ रहकर कठिनाइयों का सामना किया। रोज़ाना ढाई घंटे की लंबी यात्रा और लगातार रिजेक्शन के बाद भी उनका हौसला नहीं टूटा।

कार्तिक की मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उन्हें ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ और ‘भूल भुलैया-2’ जैसी फिल्मों में सफलता दिलाई, जिससे वह बॉलीवुड के एक सफल अभिनेता बन गए। आज कार्तिक की संघर्ष भरी कहानी हर युवा के लिए एक प्रेरणा है कि किस तरह अपने सपनों को पाने के लिए हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

एक समय में थर्ड हैंड कार में सफर करने वाले कार्तिक अब लैंबोर्गिनी जैसी लग्जरी कार के मालिक हैं, जिससे यह साबित होता है कि मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। कार्तिक की यह कहानी आज बॉलीवुड में संघर्ष, आत्मविश्वास और सपनों को साकार करने की मिसाल बन गई है।