सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज अनसुनी दास्तानें में हम कहानी बताने जा रहे हैं 2008 के उस हत्याकांड की, जिससे पूरा मुंबई सिहर उठा। इस कहानी के 3 मुख्य किरदार हैं।

पहला किरदार- नीरज ग्रोवर, जो बालाजी प्रोडक्शन हाउस में कास्टिंग का काम किया करता था और मारिया से प्यार करता था।

दूसरा किरदार- मारिया मोनिका सुसाइराज, कन्नड़ एक्ट्रेस जो हिंदी फिल्मों में किस्मत आजमाने मुंबई पहुंची थीं।

तीसरा किरदार- लेफ्टिनेंट, जेरोम मैथ्यू, मारिया के बॉयफ्रेंड जिनसे उनकी सगाई होने वाली थी।

मई 2008 की बात है….

26 साल के नीरज ग्रोवर एक रोज अचानक गुमशुदा हो गए। वो अपनी गर्लफ्रेंड और कन्नड़ एक्ट्रेस मारिया सुसाइराज की घर शिफ्ट करने में मदद कर रहे थे, लेकिन उसके बाद उन्हें किसी ने नहीं देखा।

कई घंटे बीते, फिर दिन और फिर हफ्ते, लेकिन नीरज की कोई खबर नहीं मिली। नीरज को ढूंढने के लिए पूरे शहर भर में पोस्टर चिपकवाए गए, लेकिन नतीजा शून्य रहा।

आखिरकार पुलिस को नीरज की लोकेशन की जानकारी एक मोबाइल नेटवर्क टावर से मिली। उस एक कॉल ने पूरे वीभत्स हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया।

मामले में पहली गिरफ्तारी हुई एक्ट्रेस मारिया सुसाइराज की, फिर जो खुलासे हुए, उसे सुनकर हर कोई सिहर उठा। नीरज की हत्या हुई थी, उनकी लाश के सामने हत्यारों ने शारीरिक संबंध बनाए और फिर चंद घंटों बाद उनकी लाश के 300 टुकड़े कर दिए।

इस अनसुनी दास्तान के 4 चैप्टर्स में पढ़िए नीरज ग्रोवर हत्याकांड और एक्ट्रेस मारिया सुसाइराज की भयावह कहानी-

मैसूर के क्रिश्चियन परिवार में जन्मीं मारिया मोनिका सुसाइराज बचपन से ही नाच-गाने में अव्वल थीं। पिता कंस्ट्रक्शन फर्म में काम करते थे, जबकि चाचा नगर निगम के कर्मचारी थे। स्कूल के कल्चरल प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए मारिया ने हीरोइन बनने का ख्वाब देखा था, लेकिन परिवार इसके खिलाफ था।

जब घरवाले शादी का दबाव बनाने लगे तो एक रोज मारिया ने मैसूर स्थित अपना घर छोड़ दिया और बेंगलुरु आकर बस गईं।

बेंगलुरु में लगातार प्रोड्यूसर्स के दफ्तरों के चक्कर काटते हुए उन्हें कन्नड़ सिनेमा में जगह मिल गई। कुछ छोटे-मोटे रोल के बाद मारिया को साल 2002 में कन्नड़ सिनेमा में बड़ा ब्रेक मिला। उन्हें बतौर लीड फिल्म जूट में काम मिला। फिल्म के लिए उन्हें सराहना तो मिली, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही।