सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : कलाम एंड कवच 2.0 कॉन्क्लेव: 2025 के लिए रक्षा नवाचार और सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल
पेंटागन प्रेस और CENJOWS (Centre for Joint Warfare Studies) के सहयोग से आयोजित कलाम एंड कवच 2.0 ने भारत के शीर्ष रक्षा विशेषज्ञों—सैन्य नेतृत्व, थिंक टैंक और निजी क्षेत्र—को एक मंच पर लाकर सैन्य सुधारों की अगली लहर की रूपरेखा तैयार की।
“2025: सुधारों का वर्ष” थीम पर आधारित यह कॉन्क्लेव मानेकशॉ सेंटर में आयोजित हुआ, जहां चर्चा का केंद्र गति, समन्वय और आत्मनिर्भरता रहा।
मुख्य बिंदु:
रणनीतिक दृष्टिकोण:
लेफ्टिनेंट जनरल विपुल शिंगल, जिन्होंने CDS की ओर से उद्घाटन भाषण दिया, ने इसे “रणनीतिक सोच का पुनर्जागरण” बताया। उन्होंने बताया कि 8–9 नई सैन्य नीतियों पर कार्य चल रहा है।
वायु शक्ति और भविष्य की युद्ध रणनीति:
पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने शिवम आर्य (क्यूरेटर, कलाम एंड कवच) के साथ बातचीत में कहा कि संयुक्तता, एआई-आधारित युद्ध प्रणाली, और थिएटर कमांड भविष्य की प्राथमिकताएं होंगी।
सुरक्षा परिप्रेक्ष्य:
लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) और लेखक संदीप उन्नीथन ने ड्रोन, ग्रे ज़ोन खतरों और तकनीकी नेतृत्व वाले तेज़ सुधारों की आवश्यकता पर चर्चा की।
तकनीक एक शक्ति गुणक के रूप में:
विशेषज्ञों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम तकनीक, साइबर डोमेन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को आधुनिक युद्ध के निर्णायक क्षेत्र बताया।
उद्योग की भूमिका:
“विक्रेता से अग्रणी” तक, भारतीय रक्षा उद्योग और स्टार्टअप्स को क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भरता के सह-निर्माता के रूप में सराहा गया।
पुस्तक विमोचन:
कॉन्क्लेव के दौरान जिन पुस्तकों का विमोचन हुआ, वे थीं –
“Cyber Diplomacy”, “Artificial Intelligence in Military Applications”, और “India’s Arsenal”। इन पुस्तकों ने क्षेत्र में नवाचार की भावना को उजागर किया।
समापन संदेश:
मेजर जनरल (डॉ.) अशोक कुमार ने क्रियाशील कार्यों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जबकि क्यूरेटर शिवम आर्य ने कहा –
“जो संवाद आज हुआ है, वह अब योगदान बनना चाहिए।”
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