सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का 51वां चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से उनके नाम की सिफारिश की है। CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे, और जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे।
जस्टिस खन्ना का कार्यकाल
जस्टिस खन्ना ने अब तक 117 फैसले लिखे हैं और वे 456 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था, और उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद, उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल तक जज के रूप में कार्य किया।
विवादित नियुक्ति
जस्टिस खन्ना की नियुक्ति पर विवाद भी हुआ था, जब 32 जजों को अनदेखा करके उन्हें सुप्रीम कोर्ट जज बनाया गया। 10 जनवरी 2019 को कॉलेजियम ने उनकी जगह जस्टिस माहेश्वरी को प्राथमिकता दी, लेकिन बाद में राष्ट्रपति ने जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को मंजूरी दी।
महत्वपूर्ण मामले
जस्टिस खन्ना ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया है:
- अनुच्छेद 370 निरस्त करना: उन्होंने पांच जजों की बेंच के फैसले में सहमति व्यक्त की, जिसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधता को बरकरार रखा।
- इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम: 2024 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक घोषित किया।
- VVPAT का 100% वैरिफिकेशन: जस्टिस खन्ना की बेंच ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर 100% VVPAT सत्यापन की मांग करने वाली याचिका को खारिज किया।
समलैंगिक विवाह केस
हाल ही में, जस्टिस खन्ना ने समलैंगिक विवाह पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसका कारण उन्होंने निजी बताया। इस स्थिति में, नई बेंच का गठन आवश्यक हो जाएगा ताकि रिव्यू पिटीशंस पर विचार किया जा सके।
जस्टिस संजीव खन्ना की नियुक्ति न्यायपालिका के लिए महत्वपूर्ण है, और उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले होने की संभावना है।