सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : कोलार रोड स्थित जे.के. हॉस्पिटल के प्रथम तल स्थित सीएमई हॉल में एआरटी सेंटर द्वारा एचआईवी/एड्स जागरूकता विषय पर एक दिवसीय सीएमई (Continuing Medical Education) कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस ज्ञानवर्धक सत्र में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने एचआईवी संक्रमण, उससे जुड़ी सामाजिक-स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं, कानूनी प्रावधानों और आधुनिक उपचार पद्धतियों पर विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सुधीर कौशल, एसएमओ और नोडल मेडिकल ऑफिसर, एआरटी सेंटर द्वारा परिचय सत्र से की गई। उन्होंने कहा कि “एचआईवी अब लाइलाज नहीं बल्कि जागरूकता, समय पर जांच और नियमित उपचार से नियंत्रित की जा सकती है |

इसके बाद रश्मि शेषु ने एचआईवी संक्रमण पर जागरूकता विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने समाज में फैली भ्रांतियों और भेदभाव को दूर करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि “एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी सामान्य जीवन सकता है, जरूरत है तो समझ और सहानुभूति की।”

कार्यशाला में निदेशक महेन्द्र जैन, सहायक संचालक, म.प्र. राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने एचआईवी अधिनियम 1917 की व्याख्या करते हुए बताया कि “यह कानून एचआईवी पीड़ितों को कानूनी सुरक्षा देता है और उनके अधिकारों की रक्षा करता है। किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ यह अधिनियम सख्त कदम उठाने की अनुमति देता है।”

अंतिम सत्र में डॉ. हेमंत वर्मा और डॉ. कुलदीप वर्मा, एआरटी सेंटर, जीएमसी भोपाल के विशेषज्ञों ने पीईपी (Post Exposure Prophylaxis) पर तकनीकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि संभावित जोखिम के बाद 72 घंटे के भीतर पीईपी दवाओं की शुरुआत संक्रमण से बचाव में अत्यधिक प्रभावी हो सकती है।

कार्यशाला में चिकित्सा क्षेत्र के कई छात्रों, रेजिडेंट डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से न सिर्फ मेडिकल प्रोफेशनल्स की जानकारी अपडेट होती है, बल्कि समाज में रोगों के प्रति जागरूकता भी फैलती है।

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