सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: के नए जिला न्यायालय भवन के निर्माण में देरी के मामले में मंगलवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस विजय शुक्ल ने मौखिक रूप से सुझाव दिया कि इस मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव (सीएस) के नेतृत्व में एक हाई लेवल कमेटी बनाई जाए, जिसमें प्रमुख सचिव वित्त, लोक निर्माण और विधि विभाग के अधिकारी शामिल हों। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।

जिला न्यायालय के नए भवन का निर्माण कार्य 319 करोड़ रुपए में हर्ष कंस्ट्रक्शन नासिक को 3 जनवरी 2019 को दिया गया था। लेकिन भवन के डिजाइन में देरी के कारण ठेकेदार ने 100 प्रतिशत एस्केलेशन की मांग की। लोक निर्माण विभाग ने अनुबंध का हवाला देते हुए इस ठेके को बिना रिस्क और कॉस्ट के बंद कर दिया।

लागत में वृद्धि

विधि विभाग ने एस्केलेशन की अनुशंसा की थी, जिससे काम समय पर पूरा हो सके। हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने पहले एजेंसी का टेंडर निरस्त कर दिया और नया ठेका मेसर्स अरकान पावर इंफ्रा लिमिटेड गुजरात को दे दिया, जिसमें 100 प्रतिशत एस्केलेशन भी शामिल था। लेकिन मेसर्स अरकान पावर द्वारा प्रस्तुत फर्जी अनुभव पत्र के कारण यह ठेका भी निरस्त कर दिया गया।

अब तीसरी एजेंसी के लिए नए टेंडर बुलाए गए हैं, जिससे निर्माणाधीन भवन की लागत में 100 करोड़ रुपए की वृद्धि हो गई है। इस पूरे मामले को देखते हुए विशेष बेंच ने हाई लेवल कमेटी बनाने की सिफारिश की है, ताकि स्थिति की उचित जांच की जा सके।