सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अगर आपने जेट प्लेन से सफर किया है तो पाया होगा कि टेक ऑफ करने से पहले प्लेन तेज रफ़्तार से रनवे पर दौड़ता है जिससे उसे जरूरी स्पीड मिल जाती है, इसके बाद इंजन को फुल थ्रस्ट पर चलाया जाता है और तब जाकर विमान उड़ान भर पाता है. हालांकि कम हे लोग जानते हैं कि जेट प्लेन कितने किलोमीटर तक दौड़ने के बाद उड़ान भरता है. अगर आपको भी इस बारे में जानकारी नहीं है तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
इन बातों पर निर्भर करती है ट्रैक की दूरी
एक्सप्रेसवे पर उड़ान भरना:
तकनीकी रूप से, अगर एक्सप्रेसवे पर्याप्त चौड़ा, मजबूत, और लंबा हो, तो विमान वहां टेक-ऑफ कर सकता है. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें माननी पड़ती हैं:
लंबाई: एक्सप्रेसवे कम से कम 2.5-3.5 किलोमीटर लंबा होना चाहिए
चौड़ाई: जेट विमान को सुरक्षित टेक-ऑफ के लिए लगभग 45-60 मीटर चौड़ाई चाहिए.
मजबूती: एक्सप्रेसवे का निर्माण विमान के भारी वजन को झेलने के लिए पर्याप्त मजबूत होना चाहिए.
अवरोध: उड़ान भरने के दौरान कोई ट्रैफिक, पेड़, खंभे, या अन्य अवरोध नहीं होना चाहिए.
असलियत में ऐसा क्यों नहीं होता:
सुरक्षा कारण: एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक और अन्य अवरोध होने की वजह से टेक-ऑफ करना जोखिमभरा है.
स्ट्रक्चरल लिमिटेशंस: रनवे विशेष रूप से विमान के वजन, गति, और टायर की घर्षण क्षमता के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। एक्सप्रेसवे में ये विशेषताएँ नहीं होतीं.
एटीसी (Air Traffic Control): टेक-ऑफ और लैंडिंग को नियंत्रित करने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल की आवश्यकता होती है, जो एक्सप्रेसवे पर संभव नहीं है.
हालांकि, इमरजेंसी स्थितियों में (जैसे युद्ध), सैन्य विमान एक्सप्रेसवे पर टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें छोटे और कठोर रनवे की आवश्यकता होती है.
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