दिसंबर आधा बीत चुका है, लेकिन प्रदेश में अब तक ठंड जोर नहीं पकड़ सकी है। साइक्लोन मैंडूस ने तापमान के तेवर कुछ नरम किए, लेकिन एक दन ही 13 दिसंबर को ही ठंडी का एहसास हो सका। साल 2019 के बाद पहली बार दिसंबर के शुरुआती दो सप्ताह में दिन का पारा 19 डिग्री के नीचे 18.8 डिग्री सेल्सियस तक आया। इससे पहले साल 2019 में यह 17.8 डिग्री सेल्सियस था।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि इंदौर, ग्वालियर, चंबल में रात के तापमान सामान्य से 1 से 2 डिग्री कम रहेंगे, जबकि भोपाल-जबलपुर में सामान्य और सागर में रात का पारा सामान्य से ज्यादा रहेंगे। जानते हैं कि जनवरी और फरवरी में आपके शहर का हाल कैसा रहेगा।
यहां रात का पारा नीचे आने से कोल्ड वेव
मध्यप्रदेश में दिसंबर के अंत तक अच्छी ठंड की इंट्री का अंदाजा लगाया जा रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि शहडोल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और चंबल संभागों में इस बार न्यूनतम तापमान अपेक्षाकृत ज्यादा ठंडे रहने वाले हैं। रात का तापमान यहां पर औसतन 1 से 2 डिग्री कम रहेंगे। रात का तापमान ज्यादा गिरने से यहां पर कोल्ड वेव रहेगी। यानी रात और दिन में यहां शीतलहर का असर रहेगा।
यहां सामान्य रहेगा पारा
इंदौर के बगल सं उज्जैन, भोपाल, नर्मदपुरम और जबलपुर में दिन का पारा सामान्य रहेगा। यहां पर ठंड के दिनों में औसतन सामान्य के आसपास रहेंगे। ऐसे में ठंड तो रहेगी, लेकिन इस बार शीतलहर बहुत कम चलने के कारण ठंड ज्यादा परेशान नहीं कर पाएगी।
बुंदेलखंड के हिस्सों में ज्यादा ठंड नहीं
अगर मध्प्रयदेश के बुंदेलखंड की बात की जाए तो इस बार सागर समेत इन इलाकों में न्यूनतम तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं होने वाली है। रात का पारा सामान्य से कुछ ज्यादा रह सकते हैं। इसका यह मतलब नहीं कि यहां ठंड नहीं होगा। ठंड तो रहेगी, लेकिन तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं होगी। यहां तापमान सामान्य से थोड़े ज्यादा रहेंगे।
अधिकतम तापमान प्रदेश भर में कम रहेगी
रात की अपेक्षा इस बार दिन परेशान करने वाले होने वाले हैं। वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि इस बार प्रदेश भर में रात की अपेक्षा दिन का तापमान ज्यादा गिरेगा। जबलपुर और शहडोल में अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़े बढ़े रहेंगे, लेकिन अन्य इलाकों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड समेत पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान 2 से 3 डिग्री से ज्यादा गिर सकते हैं। इस कारण कोल्ड डे की संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में रात की तुलना में लोगों को दिन में ठंड का अधिक एहसास होगा।
बारिश और ओले भी गिर सकते हैं
दिसंबर में मैंडूस के कारण बारिश तो हुई है, लेकिन इस बार ज्यादा बारिश नहीं हुई। मैंडूस के अलावा भी अभी कोई ऐसी स्थिति नहीं बन रही है, जिससे दिसंबर में बारिश के आसार बनें। हालांकि, 21 दिसंबर को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार बन रहे हैं, लेकिन कुछ इलाकों में हल्की बूंदबांदी हो सकती है। बादल छाने से तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा जनवरी में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण बारिश के दिनों में वृद्धि हो सकती है। बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। यह दो से तीन दिन तक लगातार भी हो सकती है। फरवरी में बहुत ज्यादा बारिश की संभावना नहीं है।
इस कारण ठंड में बारिश होती है
सर्दियों में बारिश होने के पीछे की बड़ी वजह पाकिस्तान से आने वाली हवाएं (वेर्स्टन डिर्स्टबेर्न्स) है। उत्तरी और समुद्र से आने हवाओं के टकराने के कारण बारिश की स्थिति बनती है। इससे तेज हवाओं के साथ बारिश और ओला पड़ता है। इससे दिन में शीतलहर का प्रकोप बढ़ जाता है।
कोहरा नहीं छाने का कारण
अभी
लानीला लगातार सक्रिय है और आईओडी सक्रिय नहीं है। इस कारण वातावरण में
नहीं है। इस कारण अब तक कोहरा की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं। इस
दौरान ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में कोहरा रहता था, वह भी नहीं
रह पा रहा है। हो सकता है कि दो-तीन दिनों में कोहरा छाने लगे।
कोहरा काफी समय तक रहता है
हवा के तापमान और ओस बिंदु के बीच का अंतर 2.5 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर कोहरा बनता है। जब हवा में निलंबित किए गए छोटे तरल पानी की बूंदों में जल वाष्प संघनित होता है, तो कोहरा बनना शुरू हो जाता है। सर्दियों में पृथ्वी की सतह के पास की गर्म हवा में मौजूद जल वाष्प ऊपर मौजूद ठंडी हवा की परतों से मिल कर जम जाती है। इसमें दृश्यता 1 किलोमीटर से कम हो जाती है। यह ज्यादा समय तक रहता है।
धुंध में दृश्यता का अंतर होता है
धुंध भी कोहरे का एक रूप होता है, लेकिन इसमें दृश्यता करीब डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा रहती है। इसमें मुख्य रूप से धूल और धुएं के कण रहते हैं। यह ज्यादा समय के लिए नहीं रहता है।
ग्वालियर में रात का पारा 7 डिग्री तक आएगा
बादल छटने से 18 दिसंबर से रात का पारा तेजी से नीचे आएगा। इससे धीरे-धीरे उत्तरी हवाएं आना शुरू हो जाएंगी। इससे ठंड बढ़ जाएगी। सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल में न्यूनतम तापमान 7 के आसपास और भोपाल और उसके आसपास रात का पारा 11-12 डिग्री के आसपास आ जाएंगे। इंदौर और उज्जैन में न्यूनत तापमान सामान्य से ज्यादा रहेंगे।
22 को मौसम में फिर बदलाव होगा
18-19 दिसंबर के बाद फिर भी मौसम बदला होगा। कुछ इलाकों में बूंदांबादी हो सकती है। इससे एक बार फिर से तापमान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि अब ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होंगे। दिसंबर के अंत तक अच्छी ठंड का एहसास होने लगेगा।
2020-21 में ज्यादा ठंड रही थी
वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि इस बार मध्यप्रदेश में मौसम सामान्य रहेगा। मध्यप्रदेश में दो साल 2020 और 21 में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी थी। हालांकि इन दोनों सालों को छोड़ दिया जाए तो मध्यप्रदेश में बहुत ज्यादा कड़ाके की ठंड नहीं रही। इस बार भी अन्य सालों की तरह ही ठंड के तेवर रहने की संभावना है।