सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : आज दिल्ली में सरकार बन रही है, मुझे भी आंमत्रण आया था लेकिन मैने कहा कि मैं अपनी जल सहेली बहनों के साथ संकल्पित हूं जो पिछले 19 दिनों से जलयात्रा करके पानी बचाने की मुहीम छेडे हुये है। बहनों ने बुलाया तो भाई क्यों ना आता यह बात जल सहेलियों की जल यात्रा के समापन अवसर पर केन्द्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। उन्होंने यात्रा के दौरान चल रही सभी जल सहेलियों के पैर धोये और कहा कि जो जल सहेलियां ओरछा से चलकर जटाशंकर धाम आयी है सबसे पहले में उनका पैर धोकर स्वागत करूगा। हमारी पीढी ने पानी का इतना दोहन कर लिया है, आज कही कही हजार फीट पर भी पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए आज हमें संकल्प लेना होगा अगर हमें अपना भविष्य बचाना है तो पानी बचाना होगा। उन्होंने कहा कि आज मुझे प्रत्येक दिन पेड लगाते हुए 4 वर्ष पूर्ण हो गये, चार सालों में ऐसा एक भी दिन नहीं रहा कि मैने पेड ना लगाये हो, क्योंकि पेड ही असल में हमारे जीवन के स्त्रोत है। उन्होंने जल सहेलियों को आश्वासन दिया किया वह वॉटरशेड कार्यक्रम में जल सहेलियों को कैसे जोड सकते है, इसपर उनके साथ चर्चा करेगे कि कैसे सरकार एवं जल सहेली मिलकर वॉटरशेड को जल सम्पन्न बनाने के साथ मिलकर कार्य कर सकते है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई भी वॉटरशेड कार्यक्रम अच्छा प्रदर्शन करता है तो वहां की वाटरशेड कमेटी को 20 लाख का पुरूस्कार दिया जायेगा। जल सहेलिया अब देश भर वाटरशेड कार्यक्रम के साथ काम करेंगी। अभी तो हमने बहनों को लाडली बहना बनाया था अब मेें उन्हीं सब बहनों को लखपति दीदी भी बनाने का कार्य करूंगा। उन्होंने आवास योजना के बारे में बताते हुए कहा कि सभी परिवार जिनका कच्चा मकान हो वह 31 मार्च तक सर्वे करा ले, अब तो परिवार इस योजना का लाभ लेने के लिए सेल्फ सर्वे भी कर सकता है। हमारी सोच है कि किसानी को कैसे और अधिक लाभकारी कार्य बनाया जा सकता है इसके लिए में दिन-रात लगा हुआ हूं।


इससे पहले केन्द्रीय मंत्री के द्वारा जल सहेलियों की जल यात्रा में 2 किलोमीटर दूर से पदयात्री के रूप में यात्रा में शामिल हुये, इस दौरान उन्होंने नदियों के जल के कलश को अपने सिर पर रखा एवं उसी जल से जटाशंकर महादेव जी का जलाभिष्ेाक किया।
समापन समारोह मेें बिजावर के विधायक राजेश शुक्ला ने जल सहेलियों की जल यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि जल सहेलियों के माध्यम से आज हमारे क्षेत्र में यशस्वी कृषि मंत्री जी आये है, इसके लिए में जल सहेलियों का आभारी रहूंगा। उन्होंने बताया कि जटाशंकर धाम को धार्मिक पर्यटन के रूप में बढावा देने के लिए सबसे पहले शिवराज जी के द्वारा ही कार्य किया गया था, उनका स्वागत करने का अवसर मिला यही मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
जल सहेली संगठन के संस्थापक डॉ0 संजय सिंह ने कहा कि जल सहेलियों कही भी यह बताती थी कि शिवराज भईया हमारी यात्रा के समापन में आयेगे तो लोग उनका मजाक बनाते थे, लेकिन उनको विश्वास था कि भईया अवश्य आयेगे। इस 20 दिवसीय यात्रा के दौरान हम सभी ने देखा कि आज भी समाज में मानवता है बस हमें उसे पहचानने एवं पहल करने की आवश्यकता है। मैं सोचता था कि 300 किलोमीटर की यह यात्रा पैदल जल सहेलियां कैसे कर पायेगी, लेकिन उनका दृढ संकल्प और जल संरक्षण के लिए निष्ठा से आज वह औरछा से चलकर 20 दिनों में जटाशंकर धाम में यात्रा का समापन कर रही है, लेकिन यह इस यात्रा का अंत नहीं है, बल्कि जल संरक्षण के लिए जल सहेलियों के नेतृत्व मेें एक नया सामाजिक आंदोलन है। जल सहेलियों का लक्ष्य है कि वह अपने साथ 1 लाख बहनों को और जोडेगी।
इस दौरान जल यात्रा से निकलकर आये अनुभवों के आधार पर कृषि मंत्री को मांग पत्र दिया गया कि अगर सरकार के द्वारा मांग पत्र के मुददों पर कार्य किया जाता है, तो ना केवल जल संरक्षण को बढावा मिलेगा अपितु किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। कृषि मंत्री के द्वारा समापन समारोह में उपस्थित हजारों जल सहेलियों एवं जल योद्धाओं को जल शपथ दिलाई कि वह अपने वॉटरशेड क्षेत्र में जल संरक्षण का कार्य करेगे।
इस दौरान कृषि मंत्री के द्वारा जल सहेलियों को जल संरक्षण के कार्यो को लेकर सम्मानित किया गया।
समापन अवसर पर विद्या अग्निहोत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष, छतरपुर, ललिता यादव, विधायक, छतरपुर, अरविन्द्र पटेरिया, विधायक राजनगर, कामाख्या प्रताप सिंह, विधायक महाराजपुरा, आर आर आंनद, संयुक्त सचिव भारत सरकार, श्री प्रदयुम्न सिंह, पूर्व विधायक, बडामलहरा, चंदभान सिंह गौतम, जिलाध्यक्ष, भाजपा, पूजा आशीष दुबे सहित आलाअधिकारी उपस्थित रहें। मंच का संचालन मनीष राजपूत ने किया एवं आभार कल्पना चौरसिया ने किया।

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