सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र पर पश्चिमी देशों के डबल स्टैंडर्ड पर सवाल उठाया। जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देश लोकतंत्र को अपने यहां की व्यवस्था मानते हैं और ग्लोबल साउथ के देशों में गैर-लोकतांत्रिक ताकतों को बढ़ावा देते हैं।
जयशंकर से पूछा गया कि क्या दुनिया भर में लोकतंत्र खतरे में है। इसके जवाब में उन्होंने उंगली पर लगी स्याही दिखाते हुए कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र सिर्फ एक थ्योरी नहीं, बल्कि एक डिलीवर किया हुआ वादा है। हम अपने लोकतंत्र को लेकर आशावादी।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा-
भारत ऐतिहासिक रूप से खुला समाज रहा है और चुनौतियों के बावजूद हम लोकतंत्र के लिए ईमानदारी से समर्पित रहे हैं।

जयशंकर बोले- पिछले साल 70 करोड़ लोगों ने वोट किया
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि ”आप मेरे नाखून पर स्याही देख रहे हैं, क्योंकि हमारे राज्य दिल्ली में अभी अभी चुनाव हुए हैं। पिछले साल हमारे यहां आम चुनाव हुए थे। भारतीय चुनाव में लगभग 66% लोग मतदान करते हैं।
पिछले साल राष्ट्रीय चुनाव के दौरान 90 करोड़ मतदाताओं में से 70 करोड़ ने वोट दिया। हमारे यहां इन वोटों की एक दिन में ही गिनती होती है, और नतीजों पर कोई विवाद नहीं होता।”
उन्होंने बताया कि बीते कुछ दशकों में हमारे यहां वोटिंग प्रतिशत 20% तक बढ़ा है। यह साबित करता है कि हमारे यहां लोकतंत्र मजबूत हुआ है। हम अपने लोकतंत्र के बारे में आशावादी हैं।

हम 80 करोड़ लोगों को भोजन दे रहे
अमेरिकी सीनेटर स्लॉटकिन ने बैठक के दौरान कहा कि लोकतंत्र लोगों के खाने का इंतजाम नहीं करता है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं और हम 80 करोड़ लोगों को भोजन भी देते हैं। लोगों के लिए यह मायने रखता है कि वे कितने स्वस्थ हैं और उनका पेट कितना भरा हुआ है।
बता दें कि जर्मनी के म्यूनिख में 14 फरवरी से 16 फरवरी तक के लिए सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान रूस यूक्रेन जंग से लेकर नाटो तक कई अलग अलग मुद्दों पर बात होगी।
पश्चिमी देशों पर विकासशील देशों में तख्तापलट के कई आरोप
अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों पर दूसरे देशों में तख्तापलट के आरोप लगते रहे हैं। कुछ महीने पहले बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर उनका तख्तापलट का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अगर मैंने बंगाल की खाड़ी में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप को अमेरिका के लिए छोड़ दिया होता तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी।
इसी तरह अमेरिका पर आरोप है कि 1980 के दशक में उसने अफगानिस्तान में USSR को हराने के लिए तालिबान को बनाया था।

जेलेंस्की से मिले अमेरिकी उपराष्ट्रपति
म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए दुनिया भर से नेता जर्मनी पहुंचें हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने शुक्रवार को जर्मनी में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान वेंस ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन में टिकाऊ और स्थायी शांति चाहता है। हम ऐसी शांति नहीं चाहते जिससे आने वाले सालों में पूर्वी यूरोप में संघर्ष शुरू हो जाए।
जेडी वेंस ने यूरोप से कहा कि वह अपनी रक्षा को मजबूत करने के लिए कदम बढ़ाए, ताकि अमेरिका दुनिया में अन्य जगहों पर मौजूद खतरों पर भी फोकस कर सके।

जेलेंस्की का सुरक्षा गारंटी पर जोर जेलेंस्की ने वेंस के साथ मुलाकात के बाद कहा कि हमारी बीच अच्छी बातचीत हुई। भले ही ये हमारे बीच पहली मुलाकात थी, लेकिन ये आखिरी नहीं है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने X पर लिखा- हम जल्द से जल्द सुरक्षा गारंटी के साथ शांति समझौते के लिए तैयार हैं।
बैठक से पहले जेलेंस्की ने कहा था कि अमेरिका और रूस बिना यूक्रेन को शामिल किए डील करते हैं, तो सफल नहीं होगी। जेलेंस्की का कहना था कि यूक्रेन तभी बातचीत के लिए तैयार होगा, जब सुरक्षा गारंटी मिलेगी। मैं कातिल (पुतिन) के साथ बैठने के लिए भी तैयार हूं, लेकिन सुरक्षा गारंटी के बिना सब बेकार है।
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