सागर के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में जय श्रीराम के जयकारे लगाने के बाद विद्यार्थियों को निलंबित करने के मामले ने नया मोड़ लिया है। जय श्रीराम के नारों से शुरू हुआ विवाद, गो-बैक की हूटिंग पर पहुंच गया है। जिला प्रशासन की टीम ने मामले में जांच शुरू की है। अब तक की जांच में मिशनरी स्कूल में जय श्रीराम के नारे लगाने के संबंध में साक्ष्य नहीं मिले हैं।

वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि परिसर में बच्चों ने नारे नहीं लगाए। उन्होंने टीचर के सामने गो-बैक बोलकर हूटिंग की थी। जिस कारण एक बच्चे को तीन दिन के लिए सस्पेंड किया गया था। हालांकि जिला प्रशासन की तीन सदस्यीय टीम मामले में जांच कर रही है। स्कूल के बच्चों के बयान लिए जा रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा।
पहले जान लेते हैं क्या था मामला
सागर के कैंट क्षेत्र में स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में शुक्रवार को लंच के दौरान 10वीं कक्षा के बच्चों ने जय श्रीराम के नारे लगाए थे। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने मामले में संज्ञान लेते हुए नारे लगाने वाले कुछ बच्चों को सस्पेंड कर दिया था। कुछ बच्चों से स्कूल प्रबंधन ने मामले को लेकर बयान लिखवाए थे। शनिवार को एक खबर सामने आई। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले में संज्ञान लिया और सागर कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर 7 दिनों में मामले की जांच कर संबंधित दस्तावेज पेश करने की बात कही थी। मामले में कलेक्टर ने टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कराई है। हालांकि इस पूरे मामले में खास बात यह है कि कोई भी स्टूडेंट शिकायत करने सामने नहीं आया है।

स्कूल प्राचार्य: बच्चों ने की थी गो-बैक की हूटिंग
जेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल की प्राचार्य ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पूरा मामला शुक्रवार के दिन लंच टाइम का है। स्कूल में सभी कक्षाओं के अलग-अलग ब्लाक बने हैं। जिनमें एक ब्लाक का बच्चा दूसरे ब्लाक में नहीं जा सकता है। लेकिन शुक्रवार को कक्षा 10वीं के कुछ बच्चे दूसरे ब्लाक में पहुंच गए थे। जहां मौजूद महिला टीचर ने उन्हें वापस जाने के लिए गो-बैक बोला। जिसके बाद बच्चों ने हूटिंग शुरू कर दी और टीचर के सामने गो-बैक, गो-बैक के नारे लगाने लगे। हूटिंग की शिकायत टीचर ने की। जिसके बाद मामले में बच्चों से पूछताछ की गई। अनुशासनहीनता करने पर 10वीं कक्षा के एक बच्चे को 3 दिन के लिए स्कूल से सस्पेंड किया गया था। 9 बच्चों से घटनाक्रम के संबंध में लिखित बयान लिए गए थे। किसी भी बच्चे से माफीनामा नहीं लिखवाया गया है। वहीं स्कूल में जय श्रीराम के नारे नहीं लगे हैं। यहां बच्चों ने गो-बैक की हूटिंग की थी।
जांच टीम: अब तक नहीं मिले कोई साक्ष्य
जांच टीम में शामिल एसडीएम सपना त्रिपाठी और जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक ने कहा कि शुक्रवार के दिन एग्जाम खत्म होने पर बच्चे मस्ती के मूड़ में थे। वह दूसरी विंग में चले गए थे। साथ ही उन्होंने टीचर की हूटिंग करते हुए गो-बैक, गो-बैक बोला था। जिस कारण उन पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की गई है। अब तक की जांच में जय श्रीराम के नारों के संबंध में कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। हालांकि अभी कुछ बच्चों के बयान लिए जाना शेष है। सभी के बयान होने के बाद मामले की हकीकत सामने आ सकेगी।
जय श्रीराम के नारों को लेकर ऐसे चला पूरा घटनाक्रम
-10 दिसंबर शनिवार को एक अखबार में सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में जय श्रीराम के नारे लगाने पर बच्चों को सस्पेंड किए जाने की खबर सामने आई। लेकिन पूरे मामले में कोई शिकायतकर्ता सामने नहीं आया है।
-11 दिसंबर को स्कूल में बच्चों को सस्पेंड किए जाने के मामले को संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर और शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया और मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहां।
-12 दिसंबर को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मिशनरी स्कूल के गेट पर पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया। जमकर नारेबाजी की और स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की। पुलिस की समझाइश के बाद वे शांत हुए।
-12 दिसंबर को ही हंगामा बढ़ते देख जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग की टीम स्कूल पहुंची। जहां मामले की जांच शुरू की। टीम को प्राथमिक जांच में मामला अनुशासनहीनता का लगा है। हालांकि अभी जांच पूरी नहीं हुई है।