सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : IVCA कॉन्क्लेव 2025: भारत के वित्तीय परिदृश्य में निवेश अवसरों पर गहन चर्चा

भारतीय वेंचर और अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (IVCA) ने अपने प्रमुख आयोजन IVCA कॉन्क्लेव 2025 के 14वें संस्करण का मुंबई में सफलतापूर्वक समापन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में नीति निर्माताओं, वैश्विक और घरेलू निवेशकों, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल क्षेत्र के नेताओं, तथा उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत के विकसित होते वित्तीय तंत्र में निवेश प्रवृत्तियों, नियामकीय परिवर्तनों और विकास के अवसरों पर चर्चा करना था।

प्रथम दिन: भारत के निवेश परिदृश्य और रणनीतियाँ

कॉन्क्लेव के पहले दिन भारत की निवेश जलवायु, नियामकीय सुधारों और पूंजी आवंटन रणनीतियों पर महत्वपूर्ण चर्चाएँ हुईं।

🔹 डॉ. वी. अनंता नागेश्वरन, भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार, ने भारत को एक वैश्विक निवेश केंद्र में बदलने की आर्थिक संभावनाओं पर चर्चा की।

🔹 श्री जयंती सिन्हा, वरिष्ठ सलाहकार, IVCA क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी काउंसिल, ने भारत के विकसित होते निवेश तंत्र में दीर्घकालिक रणनीतिक योजना के महत्व को रेखांकित किया।

द्वितीय दिन: GIFT सिटी और निवेश परिदृश्य में बदलाव

कॉन्क्लेव के दूसरे दिन की शुरुआत श्री के. राजारामन, चेयरपर्सन, IFSCA (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण), के नेतृत्व में एक विचारशील चर्चा से हुई। उन्होंने GIFT सिटी के वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में विकास और 2019 से लागू हुए नियामकीय सुधारों पर प्रकाश डाला, जिससे वित्तीय क्षेत्रों में समेकित प्रशासन को बढ़ावा मिला।

🔹 GIFT सिटी में अब 30 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय बैंक संचालित हो रहे हैं, जिनकी परिसंपत्तियाँ $78 बिलियन से अधिक हैं।

🔹 अधिग्रहण वित्तपोषण और अवसंरचना फंडिंग जैसे विशेषीकृत वित्तीय उत्पादों की उपलब्धता बढ़ी है।

इसके बाद IFSCA के कार्यकारी निदेशक (विकास) डॉ. दीपेश शाह ने GIFT सिटी की भूमिका पर एक प्रस्तुति दी और इसे भारत को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

प्रमुख पैनल चर्चा: सेकेंडरी ट्रांजैक्शंस में अवसर

दिन के मुख्य आकर्षणों में से एक थी “Navigating the Secondary Surge – Unlocking Value in India’s Evolving Investment Landscape” विषय पर एक पैनल चर्चा।

🔹 इस सत्र में LP और GP-नेतृत्व वाले सेकेंडरी निवेश, मूल्यांकन रणनीतियाँ और नियामकीय विचारों पर चर्चा की गई।

🔹 विशेषज्ञों ने बताया कि सेकेंडरी ट्रांजैक्शंस अब सीमित डील-मेकिंग वातावरण में नकदीकरण का एक प्रमुख विकल्प बन रहे हैं।

IVCA कॉन्क्लेव 2025 ने निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को समझने और रणनीतिक निवेश के नए अवसरों की खोज करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।

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