सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इजराइल पर हमास के आतंकी हमले के मंगलवार को 200 दिन हो गए हैं। इजराइल के सैन्य हमलों के बीच गाजा के 23 लाख नागरिकों को हर रोज खाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। UN का कहना है कि गाजा में मई में भुखमरी का खतरा है।

सबसे बुरी स्थिति युद्ध के बीच जन्मे बच्चों की है। 17 अप्रैल तक गाजा के अस्पतालों में कुपोषण से 12 साल से कम उम्र के 28 बच्चों की मौत हो गई थी। इनमें एक महीने से कम उम्र वाले 12 बच्चे शामिल थे। इजराइली हमले में अब तक 34 हजार लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। मृतकों में सबसे ज्यादा 14,500 बच्चे हैं। हर घंटे 15 लोग मारे जा रहे हैं, जिनमें 6 बच्चे शामिल हैं।

नॉर्थ गाजा में पैराशूट से पहुंची मानवीय सहायता और खाने के पैकेट्स के पीछे भागते फिलिस्तीनी।

केस 1: पैक्ड फूड ही सहारा था, अब कुपोषण ऐसा कि डॉक्टरों को हाथ की नस नहीं मिलती

7 साल के मुहन्नद अल नज्जर के परिवार को उत्तर गाजा से विस्थापित होकर खान यूनिस में पनाह लेनी पड़ी। रिफ्यूजी कैंप में पैक्ड फूड ही सहारा था। पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के कारण वह बीमार हो गया। अब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने खाना बंद कर दिया है।

वह दिन में केवल दो कप पानी ही पी पाता है। उसका वजन आधा हो गया है और कंकाल दिखने लगा है। उसकी स्थिति ऐसी है कि उसके हाथ में ड्रिप भी नहीं लगाई जा सकती है, इसलिए पैर की नस के जरिए लिक्विड चढ़ाया जाता है।

केस 2: बच्चे के दूध पाउडर के लिए मां को गहने बेचने पड़े

नूर बर्दा और हेबा अरकान के बच्चे जिहाद का जन्म 5 महीने पहले अल शिफा अस्पताल में हुआ। इस दंपती के सारे पैसे पहले ही खाना खरीदने में खत्म हो गए। बच्चे के लिए मिल्क पाउडर खरीदने के लिए मां को सोने के गहने बेचने पड़े।

गाजा के बाल चिकित्सक डॉ. मोंटेसर फर्रा का कहना है कि गाजा के हर घर में ऐसे बच्चे हैं, जो कुपोषण की समस्या के शिकार हैं। ऑक्सफेम के मुताबिक गाजा के हजारों लोग रोज औसत 245 कैलोरी पर जीवित हैं, जबकि एक वयस्क को हर दिन 1,600 से 3 हजार कैलोरी चाहिए।