सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: ईरान ने 13 अप्रैल को देर रात 300 मिसाइल और ड्रोन के साथ इजराइल पर हमला कर सीरिया में उनके दूतावास पर हुए हमले का बदला लिया। इसके बाद से इजराइल की जवाबी कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है। सोमवार को 2 बार इजराइल में वॉर कैबिनेट की मीटिंग हुई।

इसमें तय किया गया कि इजराइल जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा। हालांकि, अब तक यह नहीं बताया गया है कि हमला कब और कैसे किया जाएगा। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की वॉर कैबिनेट में ईरान के खिलाफ बनाया गया मिलिट्री प्लान देखा गया और उस पर चर्चा हुई।

सदस्यों में इस बात को लेकर सहमति है कि इजराइल को जल्द जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए। वॉर कैबिनेट ने उन डिप्लोमैटिक तरीकों पर भी चर्चा की, जिसके जरिए ईरान से बदला लिया जा सके। इस दौरान वॉर कैबिनेट के सदस्यों में तीखी बहस हुई।

इजराइली अधिकारियों के मुताबिक कैबिनेट के सदस्य बेनी गांट्ज ने सुझाव दिया कि ईरान पर हमला होना चाहिए। पर वो ऐसा नहीं हो जिसमें लोगों की जान जाए। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, सऊदी और जॉर्डन ने इजराइल से अपील की है कि वो ईरान पर जवाबी हमला न करे। इससे पूरा इलाका जंग की भेंट चढ़ जाएगा।

ईरान के कब्जे में मौजूद जहाज पर भारतीयों के साथ पाकिस्तानी क्रू मेंबर्स भी मौजूद

ईरान ने इजराइली अरबपति की कंपनी के जिस जहाज को कब्जे में लिया था, उस पर भारत के अलावा पाकिस्तानी नागरिक भी सवार हैं। वॉइस ऑप अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक, MSC एरीज जहाज पर भारत, फिलिपींस, पाकिस्तान, रूस और एस्टोनिया के क्रू मेंबर्स हैं।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी जहाज को कब्जे में लिए जाने की आलोचना की है। उन्होंने ईरान से मांग की है कि वो कार्गो शिप और क्रू को तुरंत रिहा कर दें। ईरान ने 13 अप्रैल को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में इजराइली अरबपति के हिस्से वाली ब्रितानी कंपनी के एक जहाज पर कब्जा कर लिया था।

यह शिप भारत आ रहा था और इस पर 17 भारतीय क्रू सदस्य सवार थे। विदेश मंत्री जयशंकर से बातचीत के बाद ईरान ने सोमवार को घोषणा की थी कि वो जल्द ही भारतीय अधिकारियों को क्रू से मिलने की इजाजत देगा।