सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण प्रभु दास को लेकर अपना रुख साफ किया है। इस्कॉन ने शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि चिन्मय प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे उनके अधिकार और स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं। संगठन ने खुद को चिन्मय प्रभु से दूर नहीं किया है और न ही ऐसा करेंगे।
चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से पूरे देश में तनाव का माहौल है। उनकी जमानत याचिका रद्द होने को लेकर कई जगहों पर हिंसा भी हुई। इसके बाद गुरुवार को इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से खुद को अलग कर लिया था।
इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा था कि अनुशासन भंग करने की वजह से चिन्मय को पहले ही संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। वह उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। इसके बाद से इस्कॉन की आलोचना हो रही थी।
चिन्मय प्रभु की जमानत याचिका खारिज होने के बाद हिंसा भड़की चटगांव में 26 नवंबर को इस्कॉन प्रमुख की जमानत खारिज हो गई थी, जिसके बाद हुई हिंसा में एक वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई थी। इसके बाद 27 नवंबर को बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी।
याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं। ऐसे में इस संस्था को बैन किया जाए। इस अर्जी में चटगांव में इमरजेंसी घोषित करने की भी मांग की गई थी। इस याचिका पर बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने इस्कॉन को एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन बताया था।
ढाका हाईकोर्ट का इस्कॉन पर बैन लगाने से इनकार ढाका हाईकोर्ट ने 28 सितंबर कोइस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं। यह मुद्दा सरकार की प्राथमिकता है।
सरकार ने कहा कि इस्कॉन के मामले में अभी तक 3 केस दर्ज किए गए हैं और 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सेना को देश में किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए तैनात किया गया है।
सुनवाई के दौरान याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा-
इस्कॉन पर बैन लगाने का यही सही समय है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि यह सरकार तय करेगी।
दावा- बांग्लादेश इस्कॉन मामले पर मोदी-जयशंकर की मुलाकात मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में इस्कॉन मामले को लेकर PM नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच गुरुवार को बातचीत हुई थी। विदेश मंत्री ने उन्हें वहां के हालात की जानकारी दी।
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर कहा था कि वे इस मामले पर केंद्र के साथ हैं।
शेख हसीना ने भी की चिन्मय की रिहाई की मांग बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी गुरुवार को इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। हसीना ने कहा कि सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है। हसीना ने कहा कि चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया।
इससे पहले मस्जिदों, चर्चों और अहमदिया समुदाय के लोगों के घरों पर हमले किए गए थे। हसीना ने सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक आजादी, सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। हसीना के इस बयान को उनकी पार्टी आवामी लीग ने X पर पोस्ट किया।
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