सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : इजराइल-ईरान तनाव के बीच भारत सरकार ने ईरान में फंसे करीब 10 हजार भारतीयों को सुरक्षित निकालने का बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। राहत मिशन के तहत पहला जत्था 110 भारतीय छात्रों का सोमवार रात ईरान-आर्मेनिया के नॉरदुज बॉर्डर पर पहुंचा। यहां से उन्हें आर्मेनिया की राजधानी येरेवन ले जाया जाएगा और फिर भारत लाया जाएगा।
शुरुआत में तेहरान, शीराज और कोम में फंसे करीब 1500 छात्रों को निकाला जाएगा। ईरान ने विदेशी नागरिकों के लिए अपने ज़मीनी बॉर्डर खोल दिए हैं। इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरात मिर्जोयान से बातचीत की और सहयोग मांगा।
वहीं, इजराइल में फंसे 25 हजार भारतीयों को निकालने की फिलहाल कोई योजना घोषित नहीं की गई है।
ईरान में फंसे छात्र भय और कठिनाइयों के बीच जी रहे हैं। शाहिद बेहिश्ती यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे श्रीनगर के इम्तिसाल ने बताया कि हॉस्टल में बिजली नहीं है, राशन की कमी है और इंटरनेट केवल VPN से चल रहा है।
एक अन्य छात्रा सबिया ने कहा कि 13 जून के बाद से धमाकों की आवाज़ों के कारण ठीक से सो नहीं पा रही हैं। वहीं फैजान अली ने बताया कि यूनिवर्सिटी अक्टूबर तक बंद कर दी गई है और कश्मीरी छात्रों से घर लौटने को कहा गया है।
सरकार के इस राहत मिशन से हजारों परिवारों ने राहत की सांस ली है, लेकिन जमीनी हालात अभी भी चिंताजनक हैं।
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