मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक ने एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात से पहले और बाद में रुपए में लिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज समानीकरण योजना की अवधि मार्च, 2024 तक बढ़ा दी है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य निर्यात को प्रोत्साहन देना है।
निर्यातकों को ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी प्रदान की जाती है। पिछले साल अप्रैल में योजना को जून तक और फिर सितंबर, 2021 तक बढ़ाया गया था।आरबीआई ने कहा कि विशेष श्रेणी के एमएसएमई विनिर्माता निर्यातकों के लिए योजना के तहत ब्याज समानीकरण दरों को संशोधित कर दो प्रतिशत और तीन प्रतिशत कर दिया गया है।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने रुपया मूल्य में निर्यात से पहले और बाद के कर्ज पर ब्याज समानीकरण योजना को 31 मार्च, 2024 तक या अगली समीक्षा तक, जो भी पहले हो बढ़ाने का फैसला किया है।