सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: 122 साल और 164 दिन! यह रिकॉर्ड फ्रांस की जीन कैलमेंट के नाम है, जिनका 1997 में निधन हुआ। लेकिन सवाल यह है कि क्या इंसान इस रिकॉर्ड को तोड़ सकता है, या हम अपनी अधिकतम आयु तक पहुंच चुके हैं?

पिछली सदी में जीवन प्रत्याशा में भारी सुधार

20वीं सदी की शुरुआत में इंसानों की औसत जीवन प्रत्याशा केवल 40-50 साल थी। आज यह बढ़कर 70-80 साल के करीब पहुंच गई है, और कुछ विकसित देशों में यह 85 साल से भी अधिक है।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण, और वैज्ञानिक प्रगति के कारण यह संभव हुआ।

क्या इंसान की आयु सीमा स्थिर हो गई है?

वैज्ञानिक समुदाय इस सवाल पर बंटा हुआ है:

1. पहला पक्ष: आयु सीमा स्थिर है
• 2016 के एक अध्ययन के अनुसार, इंसानों की अधिकतम आयु लगभग 115 साल तक स्थिर हो गई है।
• शोधकर्ताओं का मानना है कि हम एक जैविक सीमा तक पहुंच चुके हैं।
2. दूसरा पक्ष: आयु सीमा बढ़ सकती है
• 2017 के एक अन्य अध्ययन ने इस दावे को खारिज कर दिया।
• वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव शरीर की क्षमता अभी पूरी तरह से समझी नहीं गई है।
• जीवनशैली सुधार और चिकित्सा में प्रगति से यह सीमा आगे बढ़ सकती है।
आधुनिक समय में नए प्रयास और उम्मीदें
2024 के शोधों के अनुसार, ऐसा लगता है कि इंसान जीवन प्रत्याशा की ऊपरी सीमा के करीब पहुंच रहा है। लेकिन सिर्फ लंबी आयु नहीं, बल्कि स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीना भी महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य में सुधार के लिए चल रहे प्रयास:

1. आधुनिक चिकित्सा: कैंसर, हृदय रोग और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के इलाज में तेजी से प्रगति हो रही है।
2. जीवनशैली में सुधार: योग, ध्यान, और स्वस्थ आहार जैसे उपाय लोकप्रिय हो रहे हैं।
3. अनुवांशिक शोध: ऐसे जीन की खोज हो रही है जो दीर्घायु को बढ़ावा देते हैं।
क्या 150 साल तक जीना संभव है?
अभी तक इसका ठोस जवाब नहीं है। लेकिन वैज्ञानिक प्रगति, बेहतर स्वास्थ्य तकनीक, और सकारात्मक जीवनशैली इंसानों की अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाने की संभावना देती है।

निष्कर्ष:
लंबा जीवन जीने का उद्देश्य केवल आयु बढ़ाना नहीं, बल्कि उसे स्वस्थ और सुखद बनाना है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दें, और अपने जीवन को सकारात्मक रूप से जिएं।