नई ‎दिल्ली । इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा मुद्रास्फीति के आंकड़ों तथा वैश्विक रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने कहा है कि बाजार की कुल धारणा सकारात्मक है। इसे बेहतर आर्थिक आंकड़ों तथा कंपनियों के तिमाही नतीजों से समर्थन मिला है। हालांकि ऊंचे मूल्यांकन के बीच बाजार में कुछ मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है। वैश्विक संकेतक हमारे बाजार के व्यवहार को प्रभावित करते रहेंगे। इस सप्ताह चीन के औद्योगिक उत्पादन तथा अमेरिका की मुद्रास्फीति जैसे कुछ वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं। घरेलू मोर्चे पर 14 सितंबर को अगस्त माह की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं। ‎‎‎विश्लेषकों का कहना है ‎कि डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। इसके चलते आर्थिक सुस्ती की आशंका बन रही है। ऐसे में निवेशकों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन भी संतोषजनक स्तर को पार कर चुका है। ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव तथा मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। हालांकि बाजार की कुल धारणा सकारात्मक है। बाजार को डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम तथा विदेशी निवेशकों के रुख से भी दिशा मिलेगी। इस सप्ताह बाजार की दृष्टि से मुद्रास्फीति का आंकड़ा महत्वपूर्ण होगा। बताया गया है ‎कि बाजार में जोरदार तेजी है। ऐसे में इस सप्ताह कुछ रुकावट भी देखने को मिल सकती है। भारतीय बाजार 30 अगस्त से तीन सितंबर के सप्ताह के दौरान दर्ज तेजी के सिलसिले को कायम नहीं रख सके। कमजोर वैश्विक रुख से बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। रिकॉर्ड उच्चस्तर के बाद घरेलू बाजारों में कुछ थकान देखने को मिल रही है।