सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: पासपोर्ट विभाग से जुड़ी एक चूक से इंदौर के कारोबारी और MP गौरव अवॉर्ड विजेता दिलीप सोनी की 200 करोड़ रुपए की डेटा सर्विस कंपनी बर्बाद हो गई। मां चल बसी। खुद हार्ट अटैक से जैसे-तैसे बचे। बच्चे एक साल तक स्कूल नहीं जा पाए।
दरअसल, पासपोर्ट विभाग ने भोपाल में दर्ज एक केस के कारण उन्हें भारत बुलवाया और आते ही पासपोर्ट ब्लॉक कर दिया गया। पेशी के बाद भोपाल कोर्ट ने जमानत दे दी, लेकिन पासपोर्ट विभाग ने पासपोर्ट वापस नहीं दिया। इस कारण वे करीब तीन साल तक लॉस एंजिलिस (अमेरिका) लौट ही नहीं पाए और कारोबार चौपट हो गया। भारत में रहकर विभाग के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। हाईकोर्ट इंदौर के बाद दिल्ली में भी केस किया, तब जाकर पासपोर्ट विभाग ने गलती मानी। हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में पासपोर्ट लौटाने के निर्देश दिए।
वे कर्ज के दलदल में ऐसे फंसे कि उनकी प्रॉपर्टी बिक गई या सीज कर ली गई। एक साल भारत में ही रुककर कारोबार को वापस खड़ा करने की कोशिश की। फिर बच्चों को लेकर अमेरिका लौट गए। अब पासपोर्ट विभाग से लापरवाही के लिए 20 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। फिलहाल विभाग ने इससे मना कर दिया। सोनी नए सिरे से केस लगाने जा रहे हैं। उनका कहना है कि एक गलती ने मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी।
प्राइवेट फर्म को पैसा देकर काम कराती थी कंपनी
इंदौर के कारोबारी दिलीप सोनी की सोनी सोया प्राइवेट कंपनी दूसरी प्राइवेट फर्मों से डेटा एंट्री कराती थी। 2018-19 में सोनी की कंपनी ने एक फर्म को 15 लाख रुपए के चेक दिए जो बाउंस हो गए। 30 अक्टूबर 2019 को फर्म ने कारोबारी सोनी के खिलाफ भोपाल कोर्ट में केस कर दिया और पूरा पैसा मांगा।
सोनी ने बताया कि जिस प्राइवेट कंपनी ने उनके ऊपर चेक बाउंस का केस लगाया वो उस कंपनी से जॉब वर्क का काम करवाते थे। साथ ही साथ इस कंपनी से सोया मिल की खरीदी होती थी। मैंने इन्हें सिक्योरिटी के तौर पर 15 लाख का चेक दिया था।
इन्हीं संबंधों के आधार पर मेरी कंपनी ने इस कंपनी को कई कृषि उपकरण दिए थे, जिसमें बॉइलर, बैग्स आदि शामिल हैं। कुछ दिन बाद मुझे जानकारी लगी कि इस कंपनी के सभी अकाउंट एनपीए हो चुके हैं। इसके बाद मैंने कंपनी से जॉब वर्क बंद कर हिसाब करने के लिए कहा।
इस पर उस कंपनी ने मुझे धोखे में रखकर सिक्योरिटी के तौर पर दिए गए चेक बैंक में लगा दिए। 15 लाख का चेक लगाने के बाद मुझे बैंक से फोन आया, लेकिन मैंने स्टॉप पेमेंट लगा दिया और चेक कैंसिल हो गए। जिस पर कंपनी ने मेरे ऊपर चेक बाउंस की धाराओं में केस करवा दिया।
इस पर कोर्ट ने पासपोर्ट विभाग को नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए गए। पासपोर्ट विभाग ने 12 मार्च 2020 को ईमेल के जरिए नोटिस भेजा और कोर्ट में पेश होने के लिए कहा। इसी बीच कोरोनाकाल का लॉकडाउन लग गया और उड़ानें रद्द कर दी गईं।
जून 2020 में आना था, लेकिन नहीं आ पाए। 29 सितंबर 2020 में भारत लौटे तो कोविड हो गया। परिवार को भी कोविड हो गया इस कारण वे कोर्ट में नहीं आए।