सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंदौर-उज्जैन के बीच बनने वाले सिक्स लेन रोड के लिए 3,000 पेड़ काटे जाएंगे। इस परियोजना की तैयारी शुरू हो गई है, जिसमें बाधक बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर को भी शिफ्ट किया जाएगा। ठेका लेने वाली एजेंसी ने पेड़ों की गिनती का कार्य पूरा कर लिया है, और अगले महीने से कटाई और पोल शिफ्टिंग का काम शुरू होगा।

दोनों लेन साढ़े 12-12 मीटर चौड़ी रहेंगी, जिससे 55 किलोमीटर की दूरी 35 से 40 मिनट में तय की जा सकेगी। वर्तमान में इस दूरी को पूरा करने में 60 से 70 मिनट का समय लगता है।

एमपीआरडीसी अधिकारियों ने बताया कि सिक्स लेन रोड के लिए बाधक 3,000 पेड़ काटे जाएंगे, जिन्हें एमपीआरडीसी ने ही लगाया था। सड़क चौड़ीकरण के बाद नए सिरे से पौधारोपण किया जाएगा। संबंधित कलेक्टरों के जरिए पेड़ काटने और पोल शिफ्टिंग की अनुमति मांगी गई है।

सिक्सलेन प्रोजेक्ट में प्रस्तावित फ्लाईओवर

इंदौर के अरबिंदो अस्पताल से उज्जैन के हरिफाटक ब्रिज तक सड़क बनेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत 1,692 करोड़ रुपए है, और निर्माण की सीमा मार्च 2028 तय की गई है। इस परियोजना में तीन फ्लाईओवर और छह अंडरपास बनाए जाएंगे।

सिक्स लेन की कुल लंबाई 46 किमी रहेगी, और इसे तीन हिस्सों में बनाया जाएगा। पहले चरण में 14 किमी की सड़क का निर्माण होगा, उसके बाद 16-16 किमी की सड़कें बनेंगी।

ग्रामीण मार्गों के कनेक्ट के लिए आठ जंक्शन बनाए जाएंगे, ताकि वाहन सीधे सिक्स लेन पर न आएं। मार्ग पर टू-व्हीलर, फोर-व्हीलर और भारी वाहनों के लिए अलग-अलग लेन रखी जाएगी। इससे ट्रैफिक दबाव कम होगा।

ट्रैफिक लोड में कमी

सिंहस्थ 2028 और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह सड़क बनाई जा रही है। वर्तमान में, इंदौर-उज्जैन रूट पर रोजाना 25,000 से अधिक वाहनों का बोझ है। अनुमान है कि 2028 तक इस हाईवे पर ट्रैफिक लोड 60,000 से अधिक वाहनों का रहेगा।

इंदौर की ओर से सिक्स लेन के लिए सीमांकन का काम शुरू कर दिया गया है। उदयपुर की कंपनी ने 15 प्रतिशत बिलो रेट पर इस सिक्सलेन बनाने का ठेका लिया है। सिविल वर्क पर 735 करोड़ 36 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे, जबकि शेष राशि भूमि अधिग्रहण, सड़क सुरक्षा के उपाय और सभी जंक्शन के सुधार पर खर्च की जाएगी।

इस सिक्सलेन हाईवे के बनने से इंदौर शहरी क्षेत्र की लगभग 1 लाख आबादी को भी राहत मिलेगी, साथ ही महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन जाने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिलेगी।