सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क – आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंदौर सितंबर की शुरुआत में ही मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में मौसम ने करवट ली है। इंदौर में सितंबर के दूसरे दिन सुबह से बादल छाए रहे, और पहले ही दिन दोपहर में जोरदार बारिश हुई। महज एक घंटे में एक इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों की सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर के शुरुआती 10 दिन पानीदार रहने वाले हैं। बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम पश्चिमी मध्यप्रदेश में सक्रिय हो गया है, जिसका असर 4 सितंबर तक रहेगा। 6 सितंबर से एक और सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है।
इंदौर में अब तक सीजन की 30 इंच बारिश हो चुकी है, जो पिछले साल इसी समय तक हुई 25 इंच बारिश से अधिक है। पिछले साल सितंबर के दूसरे हफ्ते में भी जोरदार बारिश हुई थी, जिसमें 30 घंटों में करीब 11.8 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जिसने 61 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
रविवार को हुई तेज बारिश के कारण इंदौर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई। प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक जाम भी देखा गया। शहर के निचले इलाकों में घरों और दुकानों में पानी भर गया। शाम 7 बजे तक बारिश का दौर जारी रहा, और कुल बारिश का आंकड़ा 30.2 इंच तक पहुंच गया।
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खरगोन, और देवास जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। इंदौर, उज्जैन समेत 22 जिलों में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है, जहां 4 इंच तक पानी गिर सकता है।
पूरे प्रदेश में अब तक 34.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन के कोटे की 92% से अधिक है। प्रदेश के मंडला जिले में सबसे ज्यादा 47 इंच बारिश दर्ज की गई है। वहीं, रीवा में सबसे कम 23 इंच बारिश हुई है। प्रदेश के कई बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें तवा बांध के 7 और केरवा डैम के 3 गेट शामिल हैं।
मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों तक प्रदेश में तेज बारिश के जारी रहने की संभावना व्यक्त की है, जिससे मानसून के इस सीजन में औसत से अधिक बारिश होने की संभावना है।