सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत जनवरी 2025 से गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन नंबर 3 तक 6 किलोमीटर के दायरे में मेट्रो के कमर्शियल रन की तैयारी है। फिलहाल, मेट्रो का एलिवेटेड ट्रैक रोबोट चौराहा तक बन चुका है, लेकिन खजराना से आगे मेट्रो के मार्ग और प्रकार पर असमंजस बना हुआ है। नए सर्वे के अनुसार, बंगाली चौराहा, पत्रकार कॉलोनी चौराहा और पलासिया चौराहा को अंडरग्राउंड करने की सिफारिश की गई है, जिससे 1600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा।
इस खर्च को कौन वहन करेगा, इस पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है। इसके अलावा, फंडिंग एजेंसी को भी अभी तक नया प्लान नहीं भेजा गया है।
कमर्शियल रन की तैयारी
रविवार को मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने मेट्रो प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। सबसे पहले गांधी नगर डिपो का दौरा किया और एमआर-10 पर रिसीविंग सब-स्टेशन का निरीक्षण किया। एमडी ने सभी संबंधित विभागों से तालमेल बनाकर काम करने का निर्देश दिया। फिलहाल, अफसरों का ध्यान गांधी नगर से रोबोट चौराहा तक 17.5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर है।
खजराना से आगे का अनिश्चित भविष्य
खजराना से आगे मेट्रो के मार्ग को लेकर कई चुनौतियां हैं। बंगाली चौराहा पर फ्लायओवर होने के कारण, मेट्रो को अंडरग्राउंड करना जरूरी होगा, लेकिन फ्लायओवर के फाउंडेशन को नुकसान पहुंचने का खतरा है। इसके अलावा, ग्रीन बेल्ट से मेट्रो को निकालने का भी विकल्प विचाराधीन है।
डीपीआर में बदलाव पर असमंजस
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए एबीडी फंडिंग एजेंसी है, लेकिन खजराना से आगे प्रोजेक्ट को जारी रखने के लिए केंद्र सरकार से डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में बदलाव की अनुमति लेनी होगी। इस प्रक्रिया में 6 से 8 महीने का समय लग सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि डीपीआर में बार-बार बदलाव करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है।
निष्कर्ष
मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के कमर्शियल रन की तैयारी जोरों पर है, लेकिन खजराना से आगे के मार्ग को लेकर कई अनिश्चितताएं हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेना होगा ताकि प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो सके और इंदौर के नागरिकों को इसका लाभ मिल सके।