सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: झड़ी के बजाय एक-दो दिन के सिस्टम बन रहे, 4 साल से यही ट्रेंड

सावन का महीना सोमवार से शुरू हो रहा है, लेकिन सावन की अगवानी रविवार को हो गई। सुबह 6 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ जो शाम 4 बजे तक जारी रहा। इस दौरान 11 मिमी बारिश हुई। कुछ देर के लिए सूरज हल्का सा झांका ही था कि बादलों की ओट ने उसे घेर लिया।

पिछले साल 21 जुलाई तक 15 इंच पानी बरस गया था। इस बार 10 इंच के करीब आंकड़ा है। अभी जुलाई के 10 दिन बचे हैं। मानसून सक्रिय हुए 28 दिन हो चुके हैं। दिनभर मूसलधार बारिश का एक भी दौर अब तक नहीं आया है। अभी तालाबों के जलस्तर में खास सुधार नहीं हुआ है।

मौसम विशेषज्ञ अजयकुमार शुक्ला का कहना है कि 10-15 सालों से बारिश के चक्र में बदलाव दिखने लगा है। अब झड़ी के बजाय 1-2 दिन के स्ट्रांग सिस्टम किसी न किसी एरिया में एक्टिव हो जाते हैं, जिसकी वजह से 5-7 इंच तक पानी बरस जाता है। इस तेज बारिश की वजह से ही जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो रहा है। इंदौर में 2020 से इस तरह की तेज बारिश का दौर जारी है। 2020 में 5 इंच, 2021 में 4 इंच, 2022 में 6 इंच, 2023 में 11 इंच पानी एकमुश्त बरस गया था।

दिन के तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की कमी आई

जुलाई में तापमान में काफी उतार-चढ़ाव महसूस हुआ है। शनिवार को तापमान 30.1 डिग्री था, जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक था। वहीं रविवार को तापमान 26.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4 डिग्री कम रहा।

12 माह में गर्मी का दायरा 5 माह का हुआ

साल के 12 महीनों में अब गर्मी का दायरा बढ़ता जा रहा है। मार्च से गर्मी शुरू होती है और जुलाई खत्म होने तक महसूस हो रही है। इसी साल का उदाहरण है। करीब 10 इंच पानी बरस चुका है, लेकिन जुलाई के 20 में 16 दिन अधिकतम तापमान सामान्य से 1-3 डिग्री तक अधिक रहा है। बारिश के दिनों में भी गर्मी महसूस होने की बड़ी वजह मानसून हर दिन नहीं बरसना, 6 से 7 दिन की झड़ी नहीं लगना है। लगातार पानी गिरने से मौसम में ठंडापन आ पाता है, लेकिन कमजोर मानसून होने से धूप निकल रही है। हलके बादल भी छाए रहते हैं, जिससे उमस महसूस होती है। इस कारण तापमान औसत से अधिक दर्ज हो रहा है।