प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इंडिया एनर्जी वीक 2025 की शुरुआत करते हुए भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में 32 गुना वृद्धि का उल्लेख किया। यह न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।

🔹 भारत की सौर ऊर्जा उपलब्धियाँ:
भारत ने पिछले एक दशक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन चुका है। कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं—
✅ राष्ट्रीय सौर मिशन: 2010 में शुरू हुआ यह मिशन 100 GW सौर क्षमता का लक्ष्य लेकर चला था, जिसे भारत लगातार आगे बढ़ा रहा है।
✅ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA): भारत ने फ्रांस के साथ मिलकर 2015 में ISA की स्थापना की, जिससे 100 से अधिक देश जुड़ चुके हैं।
✅ रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन: भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन 2014 में मात्र 2.6 GW था, जो अब 80+ GW से अधिक हो चुका है।
✅ सौर पार्कों का विस्तार: भारत में पावागढ़ सोलर पार्क (गुजरात), भडला सोलर पार्क (राजस्थान), रीवा सोलर पार्क (मध्य प्रदेश) जैसे विशाल सौर ऊर्जा केंद्र विकसित किए गए हैं।

🔹 सरकार की रणनीति:
सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है—
📌 PM कुसुम योजना: किसानों को सौर पैनल आधारित पंप और ऊर्जा उत्पादन की सुविधा देना।
📌 रूफटॉप सोलर योजना: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घरों एवं उद्योगों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी।
📌 मेक इन इंडिया: घरेलू सौर पैनल निर्माण को बढ़ावा देने के लिए PLI (Production-Linked Incentive) योजना।
📌 ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: सौर ऊर्जा से हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में भारत तेजी से बढ़ रहा है।

🔹 वैश्विक परिप्रेक्ष्य और भारत की भूमिका:
भारत की यह सफलता केवल घरेलू ऊर्जा सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों का हिस्सा भी है। COP28 में भारत ने कार्बन न्यूट्रल बनने की प्रतिबद्धता जताई थी, और यह सौर क्रांति उस दिशा में एक ठोस कदम है।

🔹 चुनौतियाँ और समाधान:
हालांकि सौर ऊर्जा में भारत की प्रगति अभूतपूर्व रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं—
🚧 भंडारण समस्या: सौर ऊर्जा का उत्पादन दिन में अधिक होता है, लेकिन रात में इसका उपयोग करने के लिए बैटरी स्टोरेज सिस्टम विकसित करने की जरूरत है।
🚧 भूमि अधिग्रहण: बड़े सौर पार्कों के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय प्रभाव का संतुलन एक चुनौती बना हुआ है।
🚧 निर्माण लागत: भारत सौर पैनल के लिए अभी भी चीन पर निर्भर है। आत्मनिर्भरता के लिए घरेलू निर्माण को और अधिक बढ़ावा देना होगा।

🔹 भविष्य की दिशा:
भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है, और सौर ऊर्जा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अगले दशक में—
🔸 घरेलू सौर पैनल उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
🔸 बैटरी स्टोरेज टेक्नोलॉजी में बड़े निवेश किए जाएंगे।
🔸 हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे।

🔹 निष्कर्ष:
भारत की सौर ऊर्जा क्रांति एक सफल मॉडल बन रही है, जिससे न केवल ऊर्जा सुरक्षा बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को भी बल मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत हरित ऊर्जा में दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है, जो न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

सूरज की रोशनी से सशक्त भारत की ओर!

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