सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब कंपनियां छोटे प्लॉट, यानी न्यूनतम 10 हेक्टेयर भूमि पर भी फैक्ट्री स्थापित कर सकेंगी, जबकि पहले इसके लिए 50 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होती थी।
यह बदलाव विशेष रूप से उन स्टार्टअप्स और मिड-साइज़ कंपनियों के लिए राहत लेकर आया है जो सीमित संसाधनों के साथ सेमीकंडक्टर निर्माण में कदम रखना चाहती हैं। सरकार का यह कदम “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों को गति देने की दिशा में एक मजबूत प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
3 जून 2025 को अधिसूचित नए SEZ नियमों के अनुसार, अब निर्माता कंपनियों को तैयार माल को घरेलू बाजार में बेचने और ट्रांसफर करने की प्रक्रिया में अधिक स्वायत्तता मिलेगी। इसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर की स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और वैश्विक आपूर्ति पर निर्भरता को कम करना है।
2030 तक भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 100 बिलियन डॉलर पार कर सकता है, और यह पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन सकती है।
निष्कर्ष:
सरकार के इस फैसले से भारत न केवल वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेगा, बल्कि देश में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ी छलांग लगेगी।
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