आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : क्रिकेट वर्ल्ड कप और कॉन्ट्रोवर्सी। 2023 का वर्ल्ड कप अब शुरू होने वाला है। भारत में होने वाले इस टूर्नामेंट में कुल 48 मैच खेले जाएंगे। वर्ल्ड कप में जहां एक तरफ हीरो और रिकॉर्ड्स बनते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विवाद भी होते हैं। 1996 के वर्ल्ड कप में हुई आगजनी हो या फिर 2011 में दोबारा टॉस। आज के एपिसोड में क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन से जानेंगे इन्हीं वर्ल्ड कप से जुड़े किस्सों और विवाद के बारे में…

मैच के दौरान ग्राउंड के अंदर आ गई दर्शकों की भीड़…

1975 का वर्ल्ड कप फाइनल, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा था। वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 291 रन का एक बड़ा टोटल खड़ा किया। जवाब में ऑस्ट्रेलियन टीम ने 233 रन के भीतर ही अपने नौ विकेट गवां दिए। पिच पर लिली और थॉमसन की आखिरी बैटिंग जोड़ी थी। इसी दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ, लिली ने एक शॉट खेला और दो रन दौड़ने की कोशिश की, तभी मैदान पर मौजूद एक फील्डर ने थ्रो फेंका और अपील हुई। अंपायर ने अभी फैसला नहीं सुनाया था कि तभी मैदान के बाहर बैठे वेस्टइंडीज फैंस को लगा कि मैच जीत गए और इसी उत्साह में वो ग्राउंड में आ गए। इस कारण से मैच 8-10 मिनट के लिए रुक गया। जब मैच दोबारा शुरू हुआ और थॉमसन ने बाउन्ड्री की ओर शॉट खेला तो मैदान के बाहर बैठे दर्शक दोबारा ग्राउंड में आ गए और गेंद पकड़ ली। तब तक लिली और थॉमसन ने 3 रन दौड़ लिए थे, लेकिन बाद में अंपायर ने 2 ही रन दिए। इसके कुछ गेंदों के बाद ही थॉमसन आउट हो गए और ऑस्ट्रेलिया 274 रन पर ही सिमट गई। मैच जीतते ही दर्शक वापस ग्राउंड में आ गए और बड़ी ही सफाई से उस भीड़ में से किसी ने अंपायर डिक्की बर्ड की टोपी ही चुरा ली।

1999 वर्ल्ड कप: जब कान में इयरपीस लगाकर खेलते नजर आए साउथ अफ्रीकी कप्तान…

अयाज मेमन के मुताबिक ये काफी बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी हो गई थी। साउथ अफ्रीकन कैप्टन हैंसी क्रोनिए की मैच फिक्सिंग को लेकर हुई कॉन्ट्रोवर्सी का पता तुरंत नहीं लगा था। उन दिनों क्रिकेट मैच में फिक्सिंग को लेकर काफी अफवाहें चलती थीं। 1999 वर्ल्ड कप में भारत के साथ हुए मुकाबले में साउथ अफ्रीकन कप्तान हैंसी क्रोनिया ने कान में इयरपीस लगाया था। वो इसकी मदद से ड्रेसिंग रूम में बैठे कोच बॉब वूलमर से बात करते पाए गए थे। उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो मैच टैक्टिक के बारे में बातें कर रहे थे, जो खेल भावना के लिहाज से सही नहीं था।

जब वर्ल्ड कप फाइनल में पहली बार हुई थी अन्डरआर्म गेंदबाजी…

साल 1981 का वर्ल्ड कप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच फाइनल मैच हुआ। इसमें न्यूज़ीलैंड को आखिरी गेंद पर जीतने के लिए 6 रन चाहिए थे। ग्रेग चैपल ने अपने भाई ट्रेवोर चैपल को अन्डरआर्म गेंद फेंकने को बोला। उस वक्त तक अन्डरआर्म गेंद फेंकना बैन नहीं था, पर इस विवाद के चलते अन्डरआर्म बॉलिंग को बैन कर दिया गया।