भारत का बजट 2025 देश की आर्थिक स्थिति, विकास की गति और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा को निर्धारित करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। इस बजट में सरकार को विभिन्न वर्गों—मध्यम वर्ग, महिलाएं, युवा, किसान और व्यापारी—के हितों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी चाहिए।
1. कर सुधार: मध्यम वर्ग को राहत
मध्यम वर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसे मजबूत करने के लिए सरकार को डायरेक्ट टैक्स (आयकर) में कटौती करनी चाहिए। यदि कर की दरें कम की जाती हैं या छूट बढ़ाई जाती है, तो आम लोगों के पास अधिक खर्च करने योग्य आय होगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
2. महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार को विशेष योजनाएं लानी चाहिए, जैसे:
स्टार्टअप और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सस्ती ऋण योजनाएं।
कामकाजी महिलाओं के लिए अधिक क्रेच और डे-केयर सुविधाएं।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर केंद्रित योजनाएं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
3. औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन
भारत की जीडीपी को गति देने के लिए सरकार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना चाहिए। “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे अभियानों को और अधिक सहयोग देकर देश में अधिक से अधिक उत्पादन इकाइयां स्थापित करनी चाहिए। इससे:
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी।
भारतीय उत्पादों का वैश्विक बाजार में विस्तार होगा।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य: एक मजबूत राष्ट्र की नींव
सरकार को बजट 2025 में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक निवेश करना चाहिए:
सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए डिजिटल लर्निंग पर जोर।
स्वास्थ्य बजट में वृद्धि, विशेष रूप से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार।
आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का विस्तार, ताकि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।
5. ग्रामीण भारत और किसान कल्याण
भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर आधारित है। बजट में किसानों के लिए:
सब्सिडी और सस्ती फसल बीमा योजनाओं का विस्तार।
आधुनिक कृषि तकनीकों और ड्रोन जैसी नई टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता।
कृषि उत्पादों के लिए बेहतर स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स सुविधाएं।
निष्कर्ष: सबका साथ, सबका विकास
भारत का बजट 2025 केवल संख्याओं और आंकड़ों का दस्तावेज नहीं होना चाहिए, बल्कि यह देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का माध्यम बनना चाहिए। मध्यम वर्ग को कर राहत, महिलाओं को सशक्तिकरण, युवाओं को रोजगार, किसानों को समर्थन और शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार—ये सभी पहलू बजट का हिस्सा होने चाहिए।
यदि सरकार इन बिंदुओं पर ध्यान देती है, तो 2025 का बजट भारत के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
लेखक- प्रो.सुरेश एस. गावंडे.
विभाग प्रमुख, इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजिनियरिंग, भाभा विश्वविद्यालय भोपाल.

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