सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : उपभोक्ता आयोग ने आसुस इंडिया कंपनी के खिलाफ महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आयोग ने सेवा में कमी मानते हुए शिकायतकर्ता को लैपटॉप की कीमत, ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है।
मामले की जानकारी:
कार्तिक कांगा, जो एक IT प्रोफेशनल हैं, ने 2 दिसंबर 2020 को आसुस का लैपटॉप 47,800 रुपये में खरीदा था। लेकिन एक महीने के भीतर ही लैपटॉप में गर्म होने की समस्या आ गई। कार्तिक ने जब लैपटॉप को दिखाने के लिए सिग्मा पेरिफेरल्स (आरएनटी मार्ग) से संपर्क किया, तो उन्हें आसुस के सर्विस सेंटर जाने के लिए कहा गया। हालांकि, कोविड-19 के कारण सर्विस सेंटर का पता नहीं चल सका और वह लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं कर पाए।
समस्या का समाधान नहीं हुआ:
करीब 10 महीने बाद, कार्तिक ने फिर से सिग्मा पेरिफेरल्स से संपर्क किया। इसके बाद, आसुस का एक प्रतिनिधि उनके घर आया और लैपटॉप की जांच की। हालांकि, फैन और अन्य पार्ट्स बदलने के बावजूद समस्या हल नहीं हुई। बाद में, प्रतिनिधि ने बताया कि लैपटॉप में मैन्युफैक्चरिंग मिस्टेक है और इसे रिपेयर नहीं किया जा सकता।
उपभोक्ता आयोग का फैसला:
कार्तिक ने उपभोक्ता आयोग में 24 नवंबर 2021 को शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने लैपटॉप की कीमत, मानसिक पीड़ा और केस खर्च के लिए हर्जाने की मांग की। तीन साल बाद, आयोग ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें उन्हें 47,800 रुपये, मानसिक पीड़ा के 20,000 रुपये और केस खर्च के 10,000 रुपये वापस मिलने का आदेश दिया गया।
यह मामला उन उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो सेवा में कमी के कारण न्याय की तलाश कर रहे हैं। उपभोक्ता आयोग के इस निर्णय से साफ हो गया है कि कंपनियों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सेवा में सुधार करना होगा।