सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंदौर में आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजिस्ट्स (ISOI) के कार्यक्रम में डॉ. आकाश अकिलवार ने बताया कि डेंटिस्ट्री और मेडिकल फील्ड में मोबाइल फोटोग्राफी की आवश्यकता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंटेशन और वर्चुअल प्रूफ के लिए फोटोग्राफी बेहद महत्वपूर्ण है, जो कि डॉक्टरों के काम को बेहतर बनाने में सहायक होती है।

डॉ. अकिलवार ने 13 साल की फोटोग्राफी के अनुभव के साथ बताया कि वे पिछले 10 सालों से डेंटिस्ट्री में और 7 साल से डॉक्टरों को फोटोग्राफी सिखा रहे हैं।

बॉलीवुड और हॉलीवुड की मुस्कान

साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. शालीन खेत्रपाल और ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के सदस्य डॉ. गगन जैसवाल ने बताया कि ग्लैमर वर्ल्ड में सेलेब्रिटीज अपनी मुस्कान के प्रति जागरूक होते हैं। बॉलीवुड और हॉलीवुड की मुस्कान में बड़ा अंतर है। बॉलीवुड में दांत पूरे नहीं दिखते जबकि हॉलीवुड में सभी दांत दिखाई देते हैं, जो कि जेनेटिक पैटर्न का परिणाम है।

डेंटल इम्प्लांट्स की स्थिति

ISOI के प्रेसिडेंट डॉ. शरत शेट्टी ने बताया कि वर्तमान में केवल 10% लोग ही डेंटल इम्प्लांट ट्रीटमेंट का खर्च उठा पाते हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह देश में इम्प्लांट से जुड़े उपकरण बनाने में सहायता करे।

भारत में इम्प्लांट उद्योग

डॉ. संदीप सिंह ने कहा कि भारत में हर साल 15 से 20 हजार नए डेंटिस्ट बन रहे हैं, जो विश्व में सबसे अधिक है। हालांकि, भारत में केवल दो कंपनियां इम्प्लांट का निर्माण कर रही हैं, जबकि 30 विदेशी कंपनियां सक्रिय हैं।

नई तकनीक और जागरूकता

महाराष्ट्र से आए डॉ. राजेश जंबुरे ने आधुनिक किट से गाइडेड साइनस सर्जरी के बारे में बताया, जिससे इम्प्लांट की सटीकता बढ़ी है। डॉ. कोमल मजुमदार ने कहा कि इम्प्लांट की सफलता के लिए मरीज की बाइट सही होना आवश्यक है।

कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. मनीष वर्मा ने इस कांफ्रेंस को डॉक्टरों और आम जनता के बीच दांतों की देखभाल और इम्प्लांट्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया।

इस तरह, इंदौर में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल डॉक्टरों के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक नई जागरूकता का सूत्रपात करता है।