सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय, भोपाल में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलगुरू एस. के. जैन के मुख्य आतिथ्य तथा मथुरा प्रसाद, अतिरिक्त संचालक, भोपाल-नर्मदापुरम संभाग, उच्च शिक्षा विभाग के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न किया गया। इस कॉन्फ्रेंस को भारत सरकार के काउन्सिल ऑफ सांइटिफिक एण्ड इन्डस्ट्रियल रिसर्च (सी.एस.आई.आर.) नेशनल अनुसंधान रिसर्च फाउण्डेशन एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलॉजी द्वारा प्रायोजित किया गया है।

कॉन्फ्रेंस के समन्वयक संजय सहाय द्वारा उदघाटन सत्र में जानकारी दी गयी कि विभिन्न देशों जैसे- अमेरिका, फिनलैण्ड, ब्राजील, चीन, एक्वाडॉर, मैक्सिको आदि से ऑनलाईन एवं ऑफलाईन सहभागिता कर रहे विषय विशेषज्ञ, शोधकर्ता, वैज्ञानिक सम्मिलित हो रहे है। जिनके द्वारा इस कॉन्फ्रेंस में चरम परिस्थितियों में पाये जाने वाले सूक्ष्मजीवों जिन्हे एक्ट्रीमोफाइल कहा जाता है, पर किये जाने वाले शोध संबंधित चर्चा की जायेगी। अंटार्कटिका, समुद्रतल, ज्वालामुखी, नमकीन झील, गर्म पानी का कुण्ड तथा रेडियोएक्टिव तरंग की उपस्थिति आदि क्षेत्रों को एक्ट्रीम परिस्थिति कहा जाता है।

महाविद्यालय की प्राचार्य दीप्ति श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में बताया कि इस परिस्थिति में रहने वाले एक्ट्रीमोफाइल के बायोमॉलिक्यूल्स का कृषि, औषधि, उद्योग, सौन्दर्य प्रसाधन आदि में उपयोग पर वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगे। कोविड 19 रोगी की पहचान में आर.टी.पी.सी.आर. की भूमिका से सभी परिचित हैं। इस तकनीक की उत्पत्ति एक्ट्रमोफाईल्स के एन्ज़ाइम टॉकपालिमरेज़ द्वारा हुई है। इसी प्रकार औषधि एवं कॉस्मेटिक्स में सनस्क्रीन मॉलिक्यूल्स आदि का उपयोग हो रहा है जो एक्ट्रमोफाईल्स से प्राप्त होते है। इस कॉन्फ्रेंस में हाइब्रिड मोड पर बड़ी संख्या में देश एवं विदेश से शोधार्थी एवं वैज्ञानिक प्रतिभागिता कर रहे है।

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