भोपाल । प्रदेश के श्योपुर व शिवपुरी, भिंड और ग्वालियर जिले में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं। भारी बरसात के कारण क्षेत्र के कई गांव बाढ की चपेट में आ गए है,जहां पर प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जश रहा है। हालात इतने खराब हो गए है कि कई गांव टापू बन गए है। बाढ में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। भारी बारिश के चलते ग्वालियर चंबल अंचल से गुजरने वाली चंबल, सिंध, क्वारी, महुअर, पार्वती नदी उफान पर हैं। शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, मोहना के बाद अब भिंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सिंध व चंबल नदी के उफान पर होने के कारण कई गांवों में पानी भर गया है। गांव में रहने वाले कई लोग गायब हैं, जिनको तलाशने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। भिंड में 800 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि सात को निकालने के प्रयास जारी हैं। वहीं कुछ लोग अब भी गायब हैं, जिनका अब तक पता नहीं चला है। रेस्क्यू आपरेशन खुद एसपी के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान भी स्टेट कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से लगातार ग्वालियर चंबल संभाग के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही आज सीएम बाढग्रस्त इलाकों का दौरा करेंगे। ग्वालियर चंबल संभाग में बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे हैं। चंबल एवं सिंध नदी के उफान पर आने के बाद भिंड के 25 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान ने आइजी चंबल, आइजी ग्वालियर और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के जिला प्रशासन के अधिकारियों से फाेन पर चर्चा करके राहत कार्य की जानकारी ली है। अधिकारियों ने बताया है कि सभी जगह रेस्क्यू आपरेशन तेज गति से जारी है। रात भर रेसक्यू अभियान चलाकर कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बारिश से श्योपुर व शिवपुरी में सैलाब आ गया है। सीप नदी ने ऐसा रौद्र रूप रखा कि सारे तटों को लांघकर पूरे शहर को अपनी जद में ले लिया। निचली बस्ती व नदी किनारे की कॉलोनियों में तो दो मंजिला मकान भी पानी में डूब गए। मेन बाजार से लेकर पाली हाईवे, शिवपुरी रोड और बड़ौदा रोड पर 8 से 10 फीट पानी हो गया। आधे शहर के बिजली खंबे पानी में समा गए। बिजली व्यवस्था और फिर मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया। मोबाइल नेटवर्क रात दो बजे से बंद हो गया था। श्योपुर की एक लाख से ज्यादा की आबादी ने मकानों की छतों पर बैठकर दिन के 10 घंटे बारिश में भीगकर काटे। श्योपुर को जोड़ने वाले सभी सड़क मार्ग भी बंद हो गए, जिससे श्योपुर का सवाई माधौपुर, शिवपुरी, ग्वालियर और मुरैना से संपर्क कटा रहा। श्योपुर में कूनो, पार्वती, क्वारी, चंबल, अहेली, अमराल सहित अन्य सभी नदियों में तीन दिन से उफान आया हुआ है, लेकिन मंगलवार तड़के से पार्वती नदी ने ऐसा रौद्र रूप रखा कि खतरे के निशानों को लांघकर श्योपुर की किला बस्ती, पुल दरवाजा, गणेश बाजार, मेन बाजार के अलावा जयस्तंभ, पाली रोड, बड़ौदा रोड से लेकर शिवपुरी रोड तक नदी का पानी पहुंच गया। लोग परेशान रहे। जिला मुख्यालय से 10 किमी बसे सोंईकलां कस्बे में भी सीप नदी की बाढ़ ने तबाही मचा दी है। 55 साल बाद सीप नदी ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया है कि शिवपुरी-पाली हाईवे पर बना सोईं पुल पानी में 17 फीट नींचे डूब गया। मंगलवार तड़के से सीप नदी में उफान आना शुरू हुआ। सुबह 6 बजे ही 15 फीट से ज्यादा पानी पुल पर हो गया, जो धीरे-धीरे बढ़ता गया। सोंई बस स्टैंड की दुकानें व नदी किनारे बने मकान भी 12 से 15 फीट पानी में डूब गए। उधर पाली हाईवे पर ही सोंई की पुलिया पर 7 फीट और मानपुर रोड पर भी पानी भरने से रास्ते बंद हो गए। सोंई में भी बिजली व मोबाइल नेटवर्क दिनभर ठप रहने से लोगों की समस्या और बढ़ गई। उधर बड़ौदा कस्बे में भी हालत बद से बदतर हो गए। कस्बे के कई क्षेत्रों में 15 से 17 फीट तक पानी भर गया। बस स्टैंड पर बनी सभी दुकानें व एक मंजिला मकान को पानी में कहीं दिखाई ही नहीं दिए। – निचली बस्तियों में फंसे लोगों को वाहनों के टायर, खाली बर्तनों या जुगाड़ के अन्य तरीकों से बाहर निकाला। न इनके इतर मेवाड़ा, बहरावदा, मानपुर, ददूनी, ज्वालापुर, कराहल, सेसईपुरा आदि क्षेत्रों में भी बाढ़ ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। सोईंकला सीप नदी पर 60 फीट चौड़ा और बीस फीट गहरा रोड पुल के पास रोड कट गया है। वहीं श्योपुर में रात दो बजे से मोबाइल का नेटवर्क बंद पड़ा है। बंजारा डैम क्षेत्र, किला बस्ती और पुल दरवाजा के अलावा निचली बस्तियों के तो दो मंजिला मकान पानी में डूब गए। इन बस्तियां में फंसे लोगों को निकालने के लिए पुलिस, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ के साथ सेना की टीमें नाव व मोटरवोट लेकर तैनात रहीं। कमाल खेड़ली, बंजारा डैम क्षेत्र, मलपुरा से लेकर नागदा रोड पर फंसे हजारों लोगों तक तो मदद ही नहीं पहुंच पाई। लोगों ने एक दूसरे की मदद करकेमकानों में फंसे लोगों का निकालकर ऊंची जगहों पर पहुंचाया। पार्वती नदी केसाथ ही अमराल नदी में बाढ़ आ गई। अचानक आई इस बाढ़ से व्यापारियों की दुकानों में रखे करोड़ों का नुकसान हुआ है।