सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इजराइल ने 26 सितंबर को लेबनान के दक्षिणी इलाकों में एक एयरस्ट्राइक की, जिसमें हिजबुल्लाह की ड्रोन यूनिट के कमांडर मोहम्मद सरूर की मौत हो गई। इस हमले की पुष्टि इजराइली अधिकारियों ने की है।

नेतन्याहू का रुख

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में संघर्ष रोकने से इनकार कर दिया है। उनके कार्यालय ने सोशल मीडिया पर सीजफायर की खबरों को गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि इजराइल युद्ध जारी रखेगा। इसके विपरीत, व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि इजराइल ने पहले सीजफायर प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।

अमेरिकी दवाब का प्रभाव

CNN के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने बताया कि इजराइल के साथ बातचीत के बाद ही 21 दिन के सीजफायर प्रस्ताव की घोषणा की गई थी। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद इजराइल ने इस प्रस्ताव से मुकरने का फैसला किया।

लेबनान का जवाब

लेबनान ने इजराइल के एक्रे इलाके में 45 मिसाइल दागीं, जिनमें से कई समुद्र में जा गिरीं। इस दौरान, इजराइल ने भी जवाबी हमले जारी रखे हैं।

इजराइल का सैन्य अभियान

इजराइल के मिलिट्री चीफ हर्जई हालेवी ने कहा है कि इजराइली सेना हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए लेबनान में घुसपैठ की तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल अपनी ताकत से लड़ाई जारी रखेगा जब तक सभी लक्ष्यों को पूरा नहीं कर लिया जाता।

मानवता का संकट

इस संघर्ष में अब तक 620 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। लेबनान की स्टेट मीडिया के अनुसार, इजराइल के हमलों में 23 सीरियाई नागरिक भी मारे गए, जो लेबनान में काम के लिए आए थे।

निष्कर्ष

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच चल रही यह लड़ाई 2006 के बाद की सबसे गंभीर स्थिति बन गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस संघर्ष को रोकने के प्रयास जारी हैं, लेकिन राजनीतिक दबाव और सैन्य गतिविधियों के बीच स्थिति और भी जटिल होती जा रही है।